छत्तीसगढ

बिना पढ़े,बिना चर्चा के 14 विधेयक कांग्रेस सरकार पारित करना संविधान का अपमान: बृजमोहन

●कोरोना की आड़ में राजनीति कर रही कांग्रेस सरकार

●सरकार ने राज्यपाल के भी अधिकारों का हनन करने का कार्य किया है, जो अनुचित व राज्य सरकार की मर्यादाओं का उल्लंघन है

रायपुर। बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार को तानाशाह करार देते हुए उस पर संसदीय नियम-कानून और परंपराओं के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया है। बृजमोहन ने कहा कि समूचा भारत आज कोरोना संकट से जूझ रहा है। ऐसे समय में भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार राजनीति करने से बाज नहीं आ रही।
उन्होंने कहा कि विधानसभा का मुख्य काम होता है कानून बनाना। परंतु यहा छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारत के संविधान और उसकी सोंच की अवहेलना करते हुए राज्य सरकार ने 14 विधेयक बिना पढ़े,बिना चर्चा किये आधे घंटे में पारित करवा लिए।
भाजपा ने स्पष्ठ कहा था कि सरकार आर्थिक बजट का बिल लाये उसका हम समर्थन करेंगे।कोरोना के संबंध में जो कार्य सरकार करेगी उसका भी हम समर्थन करेंगे परंतु सरकार ने यहा पर राजनीति करते हुए तानाशाही रवैया अपना लिया और संसदीय परंपराओं के विरुद्ध कार्य किया।
बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर कहा कि कांग्रेस सरकार ने इसके माध्यम से राज्यपाल के अधिकारों का हनन करने का कार्य किया है, जो अनुचित व राज्य सरकार की मर्यादाओं का उल्लंघन है।
उन्होंने कामधेनु विश्वविद्यालय और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तित किए जाने पर कहा कि प्रदेश की सरकार गलत परंपरा अपना रही है। कामधेनु भारतीय धर्म संस्कृति की परिचायक है वही कुशाभाऊ ठाकरे जी एक महान संगठक राष्ट्रवादी नेतृत्व थे। इन नामों को परिवर्तित कर सरकार अपनी दूषित मानसिकता को सार्वजनिक कर रही है।
बृजमोहन ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार व केंद्रीय मंत्री रहे चंदूलाल चंद्राकर जी तथा कद्दावर नेता छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र रहे दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी के नाम पर राज्य सरकार को कुछ नया या बड़ा काम करना चाहिए। उनके ऐसे कार्य में हम भी उनका समर्थन करते हैं।परंतु पुराने नामों पर छत्तीसगढ़ की इन महान विभूतियों की पट्टिका लगाना इन महापुरुषों का ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का अपमान है।

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