छत्तीसगढ

भूख और ठंड से 21 गायों की मौत प्रदेश सरकार एक और कलंक-कथा : भाजपा

रायपुर, 30 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कूँरा नगर पंचायत के कांजी हाउस में ठंड और भूख से चार गौ-वंश की मौत और एक के गंभीर दशा में होने के मामले के अलावे तिल्दा ब्लॉक के ग्राम चाँपा और महासमुंद ज़िला मुख्यालय से लगे लभरा खुर्द में भी क्रमश: 10 और 07 गौ-वंश की मौत तथा 06 और 08 गायों के गंभीर होने को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते इन स्थानों में कुल 21 गायों की मौत हुई है और 15 की दशा गंभीर है। ये मौतें इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि प्रदेश सरकार की गौठान और रोका-छेका योजनाएँ पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं, गौठान अब गौ-वध केंद्र बन गये हैं। इस तरह प्रदेश सरकार एक के बाद एक कलंक कथाएँ लिख रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि तीनों ही स्थानों पर गौ-धन की मौत की वज़ह बारिश में भीगने और भूख से हुई है। कूँरा में छोटे-से कांजी हाउस में जहां अधिकतम 20 गायें ही रखी जा सकती हैं, वहाँ एक राशन दुकान को अस्थायी गौठान बनाकर 100 गायों ठूँसकर रखा गया है। ग्राम चाँपा के कांजी हाउस में 90 गायों को रखा गया था। तीनों ही स्थानों पर शेड नहीं होने के कारण गायें लगातार हुई बारिश में भीगती रहीं और चारे के अभाव में भूखी रहीं। श्री उपासने ने तीखे लहजे में सवाल दागा कि क्या प्रदेश सरकार इतनी भूखी हो चली है कि पशुओं का चारा खुद खा रही है? जिस सरकार ने बड़ी-बड़ी डींगें हाँककर प्रदेश के पशुधन को बचाने के लिए गौठान और रोका-छेका योजनाएँ शुरू तो की परंतु ये दोनों ही योजनाएँ दम तोड़ चुकी हैं। गौ-धन न्याय योजना चलाकर गोबर खरीदने वाली सरकार पशुधन की सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम ही नहीं कर पा रही है। इससे यह स्पष्ट हो चला है कि गौ-वंश और राम की माला जप रही सरकार सिवाय लफ़्फ़ाजी के और कुछ नहीं कर रही है। श्री उपासने ने कहा कि गौठान और रोका-छेका के बावज़ूद प्रदेश में गौ-वंश की लगातार मौतों का सिलसिला जारी है। बार-बार इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति इस सरकार को गौ-वंश हत्यारी सरकार बना रही है।

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