छत्तीसगढ

महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा सहित 17 प्रकरणों की सुनवाई की

रायपुर, 14 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की। सुनवाई नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के आलोक में राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए की गयी है, अर्थात् सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए, सेनेटाइजर की व्यवस्था करते हुए एवं अन्य आवश्यक उपबंध करते हुए सुनवाई की गयी।
सुनवाई करते हुए अध्यक्ष डॉ नायक ने अनावेदक द्वारा आवेदिका के मकान को क्षति पहुंचाने, बार-बार परेशान करने एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई, जिस पर आवेदिका को न्याय दिलाते हुए, आवेदिका के आवेदन में उल्लेखित बिंदुओं के संबंध में अनावेदक को निर्देश दिया गया था, जिस पर अनावेदक द्वारा समस्त निर्देशों का पालन किया गया जिसके आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया।
सुनवाई के दौरान कई ऐसे प्रकरण भी आयोग के समक्ष भी आये जिसमें मृतका के जलने से हुई मृत्यु को लेकर अनावेदगण के ऊपर शंका करते हुए आवेदन दिया गया और मृतका के पोस्ट मार्डम रिपार्ट एवं पुलिस की जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया। इसी तरह एक प्रकरण में अनावेदकगण द्वारा आवेदिका को दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित से संबंधित शिकायत प्राप्त हुआ। प्रकरण में दोनों पक्षों को बुलाया गया, प्ररकण में अनावेदक, आवेदिका को दहेज का पूरा सामान वापस करने हेतु तैयार हो गया।
उक्त दिवस में सुनवाई हेतु कुल 17 प्रकरण रखे गये थे। किन्तु 15 प्रकरणों में ही पक्षकार उपस्थित हुए, जिसमें 03 प्रकरणों का सुनवाई पश्चात् निराकरण किया गया। अनेक प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थिति नहीं होने पर अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है। आयोग द्वारा पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से सम्बंधित प्रकरणों की सुनवाई की गई।

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