छत्तीसगढ

महिला कृषक समूह आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर…महिलाओं को वर्ष पर्यन्त मिलेगा रोजगार

रायपुर, 9 सितंबर। “नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी” योजना के अन्तर्गत रायपुर जिले के विभिन्न ग्रामों में निर्मित गोठानों में महिला कृषक समूह आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।

ताजा फल एवं सब्जी प्राप्ति के उद्देश्य से सामुदायिक बाड़ियों का निर्माण कर संचालन हेतु महिला समूहों का गठन कर उद्यान विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। मनरेगा अन्तर्गत स्वीकृत सामुदायिक बाड़ियों के महिला सदस्यों द्वारा सामुदायिक बाड़ियों में विभिन्न प्रकार की ताजी सब्जी, भाजी का उत्पादन कर स्वयं के उपयोग के उपरान्त शेष साग-सब्जी को ग्रामीण बाजार में विक्रय कर लाभ कमा रही हैं। इन महिलाओं को वर्ष पर्यन्त रोजगार मिलने लगा है।

इस तारतम्य में आरंग विकासखंड के ग्राम चपरीद में गठित महिला स्व-सहायता समूह “जय मां चण्डी” के महिला सदस्यों द्वारा 2 एकड़ के सामुदायिक बाड़ी में बरबटी, लौकी. भिण्डी, तरोई, कद्दू एवं अन्य सब्जी का रोपण किया गया है। ग्राम गुल्लू में गठित महिला स्व सहायता समूह “जय गंगा मईया” द्वारा 2.5 एकड़ सामुदायिक बाड़ी में बरबटी, करेला, भिण्डी, सेम एवं अन्य सब्जी का रोपण किया गया है। ग्राम अकोलीकला में गठित महिला स्व सहायता समूह “तिरंगा स्व सहायता समूह” द्वारा 2.5 एकड़ सामुदायिक बाड़ी में बरबटी, कद्दू, भिण्डी. लौकी एवं अन्य सब्जी का रोपण किया गया है। वर्तमान में समूह की महिलाओं को मनरेगा योजनान्तर्गत सामुदायिक बाड़ी में कार्य हेतु मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।

इसी तरह अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम नवागांव ‘ल’ में गठित महिला स्व सहायता समूह “जय मां कर्मा महिला स्व सहायता समूह” द्वारा एक एकड़ सामुदायिक बाड़ी में गेंदा पौध का रोपण किया गया है जो कि बढ़वार स्थिति में है।

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