छत्तीसगढ

मूल्य वृद्वि को लेकर नेताप्रतिपक्ष कौशिक ने पहले उठाये थे सवाल, सीमेन्ट के दाम बढ़ने उपभोक्ताओ पर सीधा असर

रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रतिमाह करीब छह लाख टन सीमेंन्ट का उत्पादन होता है और प्रदेश में चार लाख टन की खपत है। वहीं एकाएक सीमेंन्ट के दाम बढ़ाये जाने से प्रति बोरी 40 रूपयें का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इस आधार पर करीब 32 करोड़ रूपये महिने की अतिरिक्त राशि आम उपभोक्ताओं की जेब से जाना तय है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने दो महिने में दो बार सीमेन्ट का दर बढ़ाया है। दर बढ़ाये जाने की आशंका पहले से की जा रही है। आखिरकार ऐसी कौन सी वजह है कि सरकार सीमेंन्ट के दाम पर बेहताशा वृद्वि कर रही है । इस पर प्रदेश सरकार को जवाब देना चाहिये। उन्होंने कहा इस मूल्य बढ़ाये जाने से प्रतिदिन करीब 01 करोड़ के आसपास की अतिरिक्त राशि उपभोक्ताओं को ही देना होगा।
श्री कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ सीमेंट उत्पादन के लिए देश के सर्वोच्च राज्यों में से एक है। जहां इसकी उत्पादन राष्ट्रीय उत्पादन का 50 प्रतिशत है और खनिज संपदा की प्रचुर मात्रा के साथ ही सीमेंट उद्योग के लिए बेहतर वातावरण है।
उन्होंने कहा कि दिसम्बर के महीने में 205 से 210 के बीच सीमेंट थोक दर में बढ़ाया गया। जनवरी में 220 से 225 हो गया था अब वहीं फरवरी के महीने में 250 से 260 तक का प्रति बोरी दर तय कर दिया गया है। साथ ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार सीमेंट की दरों को लेकर भ्रम फैला रही है। इससे आम उपभोक्ता बेहत परेशान है और कांग्रेस की सरकार को आम उपभोक्ताओं और इस उद्योग से जुड़े लोगों की चिंता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह से लगातार सीमेंट की दाम बढऩे से गृहनिर्माण से जुड़े अन्य उद्योगों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि आखिरकार ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि एक ही रात में कांग्रेस की सरकार ने सीमेंट के दर को एकाएक बढ़ाकर आम उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा डाका डाला है। सीमेंट के दर को नियंत्रण करने के लिए प्रदेश के कांग्रेस सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।

Related Articles

Check Also
Close
Back to top button