मैनपाट महोत्सव का CM ने दीप प्रज्जवलित कर किया शुभारंभ, बोले- सरगुजिहा, भोजपुरी और तिब्बती संस्कृति का संगम है मैनपाट
रायपुर, 12 फरवरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैनपाट के रोपखार जलाशय के पास 12 से 14 फरवरी तक आयोजित तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव का दीप प्रज्वलित कर शुभरम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने मैनपाट में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के शोध एवं अध्ययन केंद्र के लिए 85 एकड़ भूमि आबंटन की घोषणा की। श्री बघेल ने मैनपाट में पुलिस मेस के लिए 1 करोड़ और स्टेज निर्माण की स्वीकृति के साथ ही करदना से कदनई एवं केनापरा से घोघरा सड़क निर्माण, सीतापुर में पीजी कालेज भवन निर्माण और सीतापुर में मांड डायवर्सन में नहर निर्माण की मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गौठान के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन, सरगुजा हनी ब्रांड का शुभारंभ किया। श्री बघेल की उपस्थिति में टाऊ के वैल्यू एडेड आटा के उत्पादन के लिए बिहान महिला किसान कंपनी सरगुजा और शिवहरे वेयर हाउसिंग कंपनी के मध्य एमओयू भी किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अन्तर्गत परिणय सूत्र में बंधे 51 नवदम्पतियों को खुशहाल दाम्पत्य जीवन के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने शुभारम्भ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरगुजा अंचल अपनी लोक संस्कृति एवं समृद्ध कला से विशिष्ट पहचान रही है। मैनपाट अपनी खूबसूरती के साथ सरगुजिहा, भोजपुरी तथा तिब्बती संस्कृति का संगम है। यहां के बौद्ध मंदिर की अलग पहचान है। मैनपाट में पहले लाल आलू देख कर खुशी होती थी लेकिन अब यहां बैगनी आलू देखकर आश्चर्य होता है। कृषि विज्ञान केंद्र तथा जिला प्रशासन यहां लगातार अच्छा कार्य कर रहे हैं। यहां महिलाओं को रोजगार से जोड़ने कंपनी का निर्माण कर अन्य कंपनियों से एमओयू खुद महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैनपाट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राम वनगमन परिपथ से जोड़ा गया है। प्रथम चरण में इस परिपथ के 9 स्थानों को विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसानों के हित को ध्यान में रख कर योजना बनाते हैं और काम करते है। इस वर्ष पिछले 20 वर्ष में सबसे अधिक धान की खरीदी की गई है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी कि़श्त का भुगतान 31 मार्च से पहले कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पूल में छत्तीसगढ़ के चावल का कोटा बढ़ाने के लिए कई बार केंद्र को पत्र लिखा गया, मंत्रियों से मुलाकात की गई लेकिन अभी तक नतीजा कुछ नही निकाला। अब प्रधानमंत्री जी से मिलकर छत्तीसगढ़ के चावल का कोटा बढ़ाने का आग्रह किया जाएगा।
नगरीय प्रशासन और विकास तथा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के हर वर्ग के लोगों की बेहतरी के काम किये जा रहे हैं। मैनपाट महोत्सव से पर्यटन के साथ साथ विकास के कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि मैनपाट महोत्सव पिछले 8-9 वर्षों से आयोजित हो रहा है जिससे यहां की लोक कला और संस्कृति को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग की चिन्हारी योजना में लोक नर्तक दलों का पंजीयन किया गया है जिससे अब इन्हें लोक कलाकार के रूप में पहचान मिलेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी को बचाने के लिए नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना चलाई जा रही है। कोरोना काल मे भी छत्तीसगढ़ के बच्चांे की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए मोहल्ला क्लास शुरू किया गया। अब प्राथमिक कक्षा के बच्चों के पाठ्यक्रम गोंडी सहित अन्य बोली भाषाओं में तैयार किया गया है ताकि बच्चे अपनी बोली भाषा में समझ सकेंगे। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने महोत्सव आयोजन के संबंध में स्वागत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम, छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा, श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद, छत्तीसगढ़ वनौषधि पादप विकास बोर्ड बालकृष्ण पाठक, बीस सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्यवन समिति के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु सिंह, महापौर अंबिकापुर डॉ अजय तिर्की, जिला पंचायत उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता, जनपद पंचायत मैनपाट की अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला खेस, कमिश्नर सुश्री जे. किण्डो, पुलिस महानिरीक्षक आर.पी. साय, पुलिस अधीक्षक टी.आर. कोशिमा, जिला पंचायत के सीईओ विनय कुमार लंगेह सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में पर्यटक उपस्थित थे।