छत्तीसगढ

रात के हजारों देवदूत जो बिजली सप्लाई के काम को बखूबी दे रहे हैं अंजाम: शशिरत्न पाराशर

नारायणपुर। पूरे छत्तीसगढ़ को बिजली की सप्लाई सुचारु रूप से संचालित हो इसके लिए उच्च पॉवर हाउसेस के लगभग 12000 अधिकारी एवं कर्मचारी दिन-रात पालियों (Shifts) में अलग-अलग तरीक़े से काम कर रहे है, ताकि कोरोना के चलते इस कठिन दौर में बिजली की दिक़्क़त नही हो। वास्तव में ये रात के देवदूत है । इनकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है। ये वो लोग है जो मोन रहकर काम कर रहे है। हमें इनकी याद बिजली जाने पर आती है। आपको मालूम हो कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी कोरबा और मड़वा स्थित 5 पॉवर हाउसेस में लगभग 4000 कर्मचारी एवं अधिकारी इस लॉकडॉउन की स्थिति में भी सतत विद्युत उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पालियों (Shifts) में काम कर रहे हैं। जो कि क़ाबिले तारीफ़ है ।
लॉकडॉउन की स्थिति में भी पूरे छत्तीसगढ़ को सतत विद्युत सप्लाई को सुनिश्चित करने के लिए पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन के लगभग 7000 अधिकारी और कर्मचारी विभिन्न पालियों (Shifts) में अपना कर्तव्य निभा रहे है । ताकि हमें बिजली की सप्लाई सही ओर समय पर मिलें ।इसके साथ ही स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन के लगभग 1000 कर्मचारी इस स्थिति में भी अति उच्च दाब संचारण लाइनों एवं सब स्टेशनों का संचालन सही तरीके से सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पालियों में सफलतापूर्वक पूरी गुणवक्ता के साथ काम कर रहे हैं। ताकि जनता को इस भरी गर्मी में ओर ज़रूरी बिजली की आपूर्ति में कोई दिक़्क़त नही आयें ।

मड़वा-तेदूभांठा परियोजना छत्तीसगढ़ राज्य उपक्रम का पहला सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट है। इस परियोजना में प्रतिदिन लगभग 20 हजार टन कोयला खपत है। इसकी आपूर्ति साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल ) की खदानो सेहोती है । परियोजना के स्विच यार्ड छेदामारा से मड़वा और कोरबा पश्चिम से मड़वा की ट्रांसमिशन लाइन से सफलता पूर्वक चार्ज किया गया है। मड़वा परियोजना अपने प्लांट में उत्पादित बिजली को ट्रांसमिट करने के साथ ही आपात स्थिति में दूसरे राज्यों से बिजली प्राप्त कर सकता है। परियोजना पहले से ही रायपुर के रायता सब स्टेशन से जुड़ा हुआ है।
बिजली की व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसके लिए छत्तीसगढ़ में हज़ारों की तादात में इंजीनियर,जूनियर इंजीनियर, स्टेशन ऑपरेटर, कार्यालयसहायक,लाईनमेन और तकनीशियन आपको बिजली की सही ढंग से 24 घंटे आपूर्ति में जुटे है ।
खासकर तकनीकी लाईनमेन कर्मचारी है जो हर समय लाइन से विद्युत लाईन से जुड़ी दिक्कतों को दुरूस्त करने तैयार खड़ें रहते है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे ही टॉसफार्मर खराब, फाल्ट होने आदि संबंधी शिकायतें तेजी से आने लगेंगी। विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए विशेष सावधानी बरत रहे है। विद्युत लाईन, टॉन्सफार्मर और विद्युुत तारों के पास पेड़ों की कटाई-छंटाई भी कर रहे है। लॉंकडाउन के दौरान लोग घरों में रहकर समय बिता रहे है और टी.व्ही पर मनपसंद सीरियल देख रहे है। ऐसे समय 24 घंटे बिजली की सुचारू रूप से आपूर्ति रहना भी जरूरी है। कही मंत्रियों, सचिवों की वीडियों कॉन्फ्रेसिंग या कोई अति जरूरी सरकारी कार्य आदि में बिजली उपकरणों के लिए पर्याप्त बिजली चाहिए। यही सब कार्य मौन रहका बिजली कर्मचारी कर रहे है। क्या उनका यह कार्य सराहनीय है।

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