रेरा अधिनियम का पालन नहीं होने पर प्रोजेक्ट के खातों से आहरण पर लगेगी रोक: विवेक ढांड
0 रेरा अध्यक्ष ने ली बैंकर्स की बैठक
0 पंजीकृत प्रोजेक्टों को ही मिलेगा बैंक ऋण
रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के अध्यक्ष विवेक ढांड ने आज यहां न्यू सर्किट हाउस में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित करने के संबंध बैकिंग और अन्य वित्तीय संस्थाओं के पदाधिकारियों की बैठक ली। इस अवसर पर रेरा के सदस्य आर.के. टमटा, संचालक संस्थागत वित्त प्रभात मलिक तथा रजिस्ट्रार रेरा कु. अनुप्रिया मिश्रा उपस्थित थीं।
रेरा के अध्यक्ष श्री ढांड ने बैठक में रेरा खाते खोलने के संबंध में निर्देश दिए कि प्रत्येक प्रोजेक्ट के दो एकाउण्ट रेरा विनिर्दिष्ट खाता और रेरा नियमित खाता होने चाहिए। आबंटितियों से प्राप्त 70 प्रतिशत राशि रेरा विनिर्दिष्ट खाते में तथा शेष 30 प्रतिशत राशि रेरा नियमित खाते में जमा होना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट की लागत समस्त प्लाट, भवन तथा फ्लैट के आबंटितियों से प्राप्त होने वाली कुल राशि से अधिक है, तो आबंटितियों से प्राप्त 100 प्रतिशत रेरा विनिर्दिष्ट खाते में होने चाहिए। प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए एक ही रेरा विनिर्दिष्ट खाता होना चाहिए।
श्री ढांड ने रेरा विनिर्दिष्ट खाता के संचालन के संबंध में बताया कि प्रत्येक प्रोजेक्ट के रेरा विनिर्दिष्ट खाता का यूनिक खाता नम्बर होना चाहिए। रेरा विनिर्दिष्ट खाते में प्राप्तियों के विरूद्ध कोई लोन स्वीकृत नहीं होना चाहिए। यदि रेरा अधिनियम, नियम व विनियम का प्रमोटर द्वारा पालन नहीं किया जाता है, तो प्रोजेक्ट के खातों से आहरण पर रोक लगाई जा सकती है। रेरा विनिर्दिष्ट खाते से आहरण के लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड अथवा चेक बुक आदि जारी नहीं की जा सकती। आबंटितियों को प्रदाय ऋण की 70 प्रतिशत राशि रेरा विनिर्दिष्ट खाते में तथा शेष 30 प्रतिशत राशि रेरा नियमित खाते में जमा होनी चाहिए। रेरा विनिर्दिष्ट खाते से आहरण तीन प्रोफेशनल सर्टिफिकेट्स के आधार पर होगा। प्राधिकरण के अनुमति के बगैर किसी प्रोजेक्ट का रेरा विनिर्दिष्ट खाता स्थानांतरित अथवा बंद नहीं होना चाहिए। बैंक को केवल रेरा नियमित खाते को एस्क्रो (निलंबलेख) खाते में नियंत्रण करना है। श्री ढांड ने यह भी बताया कि केवल रेरा पंजीकृत प्रोजेक्ट को ऋण प्रदान करना चाहिए। अपंजीकृत प्रोजेक्ट के आबंटितियों को ऋण स्वीकृत नहीं करना चाहिए। रेरा विनिर्दिष्ट खाते से कोई ऋण वसूली नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि अपना सुझाव ई-मेल आईडी में भेजे जा सकते हैं।
रेरा के अध्यक्ष श्री ढांड ने सभी बैंकर्स को निर्देशित किया कि बैंक, प्रमोटर्स को केवल ऐसे प्रोजेक्ट के लिए लोन स्वीकृत करेंगे, जो रेरा अंतर्गत पंजीकृत हो। जिन प्रोजेक्ट में बैंक द्वारा प्रमोटर्स को पहले ही लोन स्वीकृत किया जा चुका है, ऐसे सभी प्रकरणों में प्रमोटर्स से एक माह के अंदर अनिवार्य रूप से रेरा रजिस्ट्रेशन नम्बर जमा करने के लिए संबंधित बैंकों द्वारा निर्देश जारी किया जाए। व्यक्तिगत होम लोन प्रकरणों में भी बैंक द्वारा केवल ऐसे प्रोजेक्ट की प्रापर्टी पर ही होम लोन स्वीकृत किए जाए, जो रेरा अंतर्गत पंजीकृत हो। अधिनियम की धारा के अंतर्गत प्रमोटर, आबंटिती के साथ रजिस्टर्ड अनुबंध किए बिना दस प्रतिशत से अधिक राशि अग्रिम के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते हैं। अतएव रेरा के अंतर्गत पंजीकृत प्रोजेक्ट्स के व्यक्तिगत होम लोन प्रकरणों में भी लोन स्वीकृति के पूर्व बैंकर्स यह अवश्य परीक्षण करें कि प्रस्तुत अनुबंध विधिवत रजिस्टर्ड है अथवा नहीं। अनुबंध के रजिस्टर्ड न होने की दशा में ऐसे प्रकरणों पर होम लोन स्वीकृत न किए जाए अथार्त केवल रजिस्टर्ड अनुबंध पर ही होम लोन स्वीकृति की कार्यवाही की जाए। रेरा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार 500 वर्ग मीटर अथवा आठ यूनिट से अधिक के सभी प्रकार के चालू एवं नवीन रियल एस्टेट प्रोजेक्टस (आवासीय, व्यावसायिक व मिश्रित भूखण्ड आदि) का रेरा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।