छत्तीसगढ

लिव इन रिलेशनशिप की भूमिका समाज व कानून को मंजूर नहीं: डॉ किरणमयी नायक

रायपुर, 29 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की आज सुनवाई की।
आज के प्रकरण में बिना तलाक लिए दूसरी शादी का मामला आया। जिसमें आवेदिका ने अपने पति पर दूसरी औरत के साथ विवाह करके साथ में रहने की शिकायत की। आवेदिका ने साक्ष्य के रूप में शिकायत पत्र के साथ सम्पत्ति विक्रय विलेख का फोटो कॉपी संलग्न किया। उक्त प्ररकरण में अध्यक्ष ने कहा कि आवेदिका से तलाक लिए बिना अनावेदक को किसी अन्य महिला के साथ संबंध रखने में क्या अनावेदक को छूट प्राप्त है वास्तव में यह बहुत ही शर्मनाक और आपत्तिजनक स्थिति है। समाज में किसी भी रूप में मान्य किए जाने योग्य नहीं हैं। प्रकरण में यह स्पष्ट है कि अनावेदक ने पहली पत्नी से बिना तलाक लिए दूसरा विवाह किया है,क्योंकि उभय पक्ष के दो संतान भी है। जिसका भविष्य प्रभावित हो रहा है तथा लिव-इन में या पत्नी के रूप में रहने वाली दूसरी औरत की भूमिका भी संदिग्ध है।
अध्यक्ष ने उभय पक्षों को निर्देशित किया कि आगामी तिथि में आवेदिका अपने दोनों नाबालिग बच्चों और अनावेदक दूसरी पत्नी को लेकर आवश्यक रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित हो। इसी तरह एक उल्लेखनीय प्रकरण में आवेदिका को बहू द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत पर दोनों पक्षो को बुलाया गया।दोनों पक्ष उपस्थित हुए जिसमें अनावेदक आवेदिका का मकान खाली करने के लिए तैयार है। अनावेदक पुलिस की उपस्थिति में आवेदिका का मकान खाली करने की सूचना थाना प्रभारी राजेन्द्र के समक्ष अपना सामान निकालकर ले जाएंगे, ताकि आवेदिका को कोई परेशानी न हो।एक उल्लेखनीय प्रकरण में अनावेदक आयोग की सुनावई की सूचना मिलने तथा अपनी माँ की बीमारी बताकर अनुपस्थित रहे, जिस पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने निर्देश जारी करते हुए आगामी सुनवाई 10 नवम्बर 2020 को अनावेदक को आवेदिका के समस्त दस्तावेज, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मैरिज सर्टिफिकेट, बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, सर्विस पास बुक, जमीन के कागजात लेकर थाना के माध्यम से उपस्थित होने के निर्देश दिए।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के शिकायत को लेकर अनावेदक का भतिजा और अनावेदक आयोग को गुमराह करने का प्रयास किया। अनावेदक घर से गायब है और वह आवेदिका को नहीं पहचानता। जबकि गत दिवस 28 अक्टूबर को आयोग की पेशी में अनावेदक का भतीजा अनावेदक के साथ उपस्थित था। आज आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अनावेदक की उपस्थिति बाबत झूठी जानकारी देने और आवेदिका के हक से इंकार करने का प्रयास आयोग के न्यायालीन क्षेत्राधिकार में स्पष्टतः झूठा और धोखाघड़ी का मामला सामने आया। थाना प्रभारी तेलीबांधा रायपुर को आहुत किया जा कर अनावदेक के खिलाफ धारा 420 का अपराध दर्ज कर कस्टडी में लेने के निर्देश दिए गए।एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को अनावेदक द्वारा घरेलू हिंसा के तहत् प्रताड़ित करने का मामला आयोग के समक्ष आया। इस प्रकरण मे दोनों पक्षो को बुलाकर समझाईस दिया गया और अनावेदक आयोग से ही आवेदिका के घर जा कर आवेदिका का साथ लिखाकर ले जाने को तैयार एवं पत्नि के सम्पूर्ण अधिकार एवं सम्मान के साथ रखने को तैयार है।

उक्त दिवस को रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की गई। सुनवाई नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के आलोक में राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए की गयी है अर्थात सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए, सेनेटाइजर की व्यवस्था करते हुए एवं अन्य आवश्यक उपबंध करते हुए सुनवाई की गयी। कुछ प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थिति नहीं होने पर अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है। आयोग द्वारा पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से सम्बंधित प्रकरणों की सुनवाई की गई।

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