छत्तीसगढ

वन अधिकार पट्टाधारी बैगा जनजाति के किसान भी समर्थन मूल्य पर बेच रहे धान

रायपुर, 4 दिसंबर। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों का लाभ वनभूमि के पट्टाधारी वनवासी कृषकों भी मिलने लगा है। वनक्षेत्र अंतर्गत पट्टे पर मिली भूमि में धान की खेती करने वाले किसान एवं वनवासी भी सोसायटियों एवं धान उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर सहजता से अपना धान बेच रहे है।

राजनांदगांव जिले के सीमावर्ती गांव ढोलपिट्टा के बैगा जनजाति के कृषक टेकचंद ने आज साल्हेवारा केन्द्र में पट्टे पर मिली भूमि में उपजाया धान बेचा। कृषक श्री टेकचंद को पांच एकड़ भूमि पट्टे पर मिली है। ढोलपिट्टा गांव मध्यप्रदेश की सीमा के करीब स्थित बैगा जनजाति बाहुल्य गांव है। यह गांव नर्मदा से साल्हेवारा जाने वाली रोड़ के किनारे वनाच्छादित टेकरी पर स्थित है।

सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा राजनांदगांव जिले के प्रभारी सचिव डॉ. प्रसन्ना आर ने आज जिले के अंतिम छोर मध्यप्रदेश सीमा से लगे छुईखदान विकासखण्ड के ग्राम साल्हेवारा धान खरीदी केन्द्र का आकस्मिक मुआयना करने पहुंचे थे।

इस दौरान वहां बैगा जनजाति के कृषक टेकचंद भी धान बेचने के लिए पहुंचा था। सचिव डॉ. प्रसन्ना ने कृषक टेकचंद सहित सोसायटी में धान बेचने आए कृषकों से चर्चा की। कृषक टेकचंद ने शासन द्वारा पट्टे पर वनभूमि और धान बेचने की सुविधा मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए शासन-प्रशासन का आभार जताया। उसने बताया कि वह 40 क्विंटल धान बेचेगा।

इससे पूर्व सचिव डॉ. प्रसन्ना ने खैरागढ़ विकासखण्ड स्थित अमलीपारा के धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां किसानों से चर्चा कर उनको मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने यहां धान की गुणवत्ता तथा आर्द्रता मापी यन्त्र से धान की नमी का अवलोकन किया।

उन्होंने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा बारदाने के मूल्य 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए कर दिया गया है। उन्होंने धान खरीदी केंद्रों में बारदाना की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों से समितियों द्वारा टोकन देने और कांटा-बांट के सही नाप तौल तथा कोचियों व बिचौलियों के संबंध में जानकारी ली।

किसानों ने बताया कि धान विक्रय करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है। ग्रामवार टोकन काटा जा रहा है और उसी के अनुसार धान की खरीदी की जा रही है। धान खरीदी केन्द्र द्वारा 75 प्रतिशत बारदाना उपलब्ध कराया जा रहा है और 25 प्रतिशत किसान स्वयं ला रहे है। केंद्र में पात्र किसानों का धान ही खरीदा जा रहा है।

सचिव डॉ. प्रसन्ना आर ने किसानों से पिछले वर्ष के धान की राशि के भुगतान के बारे में जानकारी ली। किसानों बताया कि धान विक्रय की राशि मिल गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत तीन किस्त की राशि प्राप्त हो चुकी है। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ लोकेश चन्द्राकर, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सुनील वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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