छत्तीसगढ

व्याख्याता सीधी भर्ती: अपात्र अभ्यार्थियों को 25 से 30 नवम्बर के मध्य, दावा-आपत्ति प्रस्तुत करने का अवसर

रायपुर। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा व्याख्याता की सीधी भर्ती के लिए व्यापम के माध्यम से चयन परीक्षा ली गई थी। इसके बाद दस्तावेज परीक्षण में अभ्यार्थियों को विभिन्न कारणों से अपात्र भी किया गया। अपात्र अभ्यर्थियों को दावा-आपत्ति के लिए 25 से 30 नवम्बर के मध्य प्रमाणित दस्तावेज सहित पक्ष रखने का अवसर दिया गया है। दावा-आपत्ति के लिए अभ्यर्थी को लोक शिक्षण संचालनालय इन्द्रावती भवन नवा रायपुर में कार्यालयीन अवधि में स्वयं उपस्थित होना आवश्यक है। पात्र, अपात्र और अनुपस्थित अभ्यर्थियों की सूची www.eduportal.cg.nic.in में 21 नवम्बर से देखी जा सकती है। संचालक लोक शिक्षण के अधिकारियों ने बताया कि व्याख्याता सीधी भर्ती के लिए व्यापम द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर ओवरऑल मेरिट सूची में अर्ह पाये गए अभ्यार्थियों के दस्तावेजों का परीक्षण 5 नवम्बर से 11 नवम्बर तक स्थानीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में किया गया था। सत्यापन के लिए सभी संवर्ग के अभ्यार्थियों को मेरिट सूची में ओवरऑल रैंक के आधार पर बुलाया गया था। दस्तावेज सत्यापन के लिए संचालनालय और जिला स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। इस प्रकार अब तक सभी छह विषयों में कुल 4104 अभ्यार्थियों को सत्यापन हेतु बुलाया गया। जिसमें 3801 अभ्यर्थी उपस्थित रहे और 303 अनुपस्थित रहे। दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत रसायन में 108, जीव विज्ञान में 127, भौतिकी में 196, गणित में 268, वाणिज्य में 270 और अंग्रेजी विषय में 150 अभ्यर्थी अपात्र चिन्हाकिंत हुए हैं।
अभ्यार्थियों को जिन कारणों से अपात्र किया गया उनमें- बी.एड. नहीं या बी.एड. अपूर्ण, स्नातकोत्तर की उपाधि नहीं या तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण, निवास प्रमाण पत्र अन्य राज्य का होने के कारण अथवा छत्तीसगढ़ का निवास प्रमाण पत्र नहीं होना, जाति प्रमाण पत्र अन्य राज्य का होने के कारण अथवा छत्तीसगढ़ का जाति प्रमाण पत्र नहीं होना, दस्तावेज और प्रमाण पत्र 30 सितम्बर 2019 के पश्चात जारी होना, दिव्यांगता 40 प्रतिशत से कम होना, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित अधिकतम आयु सीमा से अधिक आयु होना, विभागीय अनुमति के लिए निर्धारित समय में आवेदन न करने या अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करना, सत्यापन दिनांक को अनुपस्थित होना और एक ही सत्र में दो डिग्रियां एक साथ प्राप्त करना शामिल हैं।

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