छत्तीसगढ

सफाईकर्मियों की पीड़ा, 8 माह बीता पर नहीं मिला वेतन, अपनी मांग को लेकर 13 अगस्त को प्रदेशव्यापी रैली, शिक्षा मंत्री सहित सभी कैबिनेट मंत्रियों को देंगे ज्ञापन

रायपुर। 8 माह बीत चुका, लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला। स्कूलों में दो-तीन घंटे का काम बताकर 7-8 घंटे काम करवाते हैं। स्कूलों में प्राचार्य और प्रधान पाठक का काफी दबाव रहता है, उनकी बातें हमें मानना पड़ता है, अन्यथा नौकरी से निकाल देने या वेतन काट देने की बात करता है।
ये पीड़ा है, उन अंशकालीन स्कूल सफाईकर्मियों की, जिन पर रोजाना स्कूलों के बाथरूम, लैट्रिन की साफ-सफाई का जिम्मा रहता है।
दरअसल, प्रदेश के 50 हजार सफाई कर्मचारियों की ओर से प्रतिनिधित्व करने आए छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष संतोष खांडेकर व महामंत्री विजय कुमार झा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आपना दर्द बंया किया। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों से सफाई कर्मी पूर्णकालिक कलेक्टर दर पर मानदेय का भुगतान करने और समायोजन कर निकाले गए कर्मचारियों को वापस कार्य में रखने की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार इसे अनदेखी कर रहे हैं।

काम 8 घंटा, भुगतान 2 घंटे का
प्रांताध्यक्ष संतोष खांडेकर व महामंत्री विजय कुमार ने सयुक्त रूप से कहा कि स्कूल सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति 2011 में कलेक्टर दर में की गई थी, लेकिन उसका एक हिस्सा ही उन्हें वेतन के रूप में दिया जा रहा है। यानी स्कूलों में सफाईकर्मियों से 7-8 घंटे की ड्यूटी लेता है, लेकिन भुगतान 2 घंटे के हिसाब से किया जा रहा है। वर्तमान में सफाई कर्मचारियों को 2000 रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। उनका कहना है कि, कांग्रेस सरकार ने चुनाव पूर्व नियमितकरण व वेतन वृद्धि का वादा किया था, लेकिन वे अपना वादा अभी तक पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार नियमितकरण जब करेगा उन्हें मंजूर है, लेकिन कम से कम उन्हें सम्मानजनक वेतन तो दिया जाए।

उधारी देना भी कर दिया बंद
संघ के लोगों का कहना है कि इतना कम रुपए वेतन मिलने के बाद, उनका जीवनयापन चलना मुश्किल हो रहा है। वेतन भी उन्हें हर माह नहीं मिलता है, बल्कि 6-7 महीने बाद देते हैं। रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के लिए उन्हें दुकानों में उधारी करना पड़ता है, लेकिन जब नहीं चुकाते तब वे उधारी देना भी बंद कर देते है। दुकानदार कहते है, 2000 रुपए में उधार चुकाओगे या परिवार देखोगे। दाल-चावल, दूध, जैसे रोज लगने वाले चीजों के लिए उन्हें प्रधान पाठक व प्रिंसिपल का मुंह ताकना पड़ता है।

प्राचार्य व प्रधान पाठक का दबाव
संतोष खांडेकर ने कहा कि उनके ऊपर सफाईकर्मियों के ऊपर स्कूल के प्राचार्य व प्रधान पाठक का काफी दबाव रहता है। कम मानदेय देकर ज्यादा समय तक काम लिया जाता है। विरोध करने पर निकाल देने और वेतन कटौती की धमकी देता है, क्योंकि हमारी नियुक्ति यहीं करते हैं इसलिए हमें भी भय रहता है। इसलिए संघ की मांग है कि उनकी नियुक्ति प्राचार्य एवं प्रधान पाठक के बजाए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाए और कलेक्टर दर पर वेतनमान दिया जाए।

13 को प्रदेशव्यापी वादा निभाओ रैली
अपनी इन्हीं मांगों को लेकर रायपुर के प्रांतीय आह्वान पर 13 अगस्त को प्रदेश व्यापी वादा निभाओआंदोलन रैली निकालने जा रहे हैं। संतोष व विजय ने बताया कि बूढातालाब स्थित धरना प्रदर्शन स्थल से रैली निकालकर वे शिक्षा मंत्री व सभी कैबिनेट मंत्रियों को ज्ञापन देंगेे। उनका मुख्य उद्देश्य, ताकि मंत्रीगण 15 अगस्त को उनके हक में फैसला लेकर सार्वजनिक घोषणा कर सकें।

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