शारीरिक अत्याचार पर केंद्रीय मंत्रालय की एडवाइजरी…प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर सरोज पांडे ने दी जानकारी
सरोज पांडेय ने आगे कहा कि रेप केस में किसी भी थाने में जाकर FIR दर्ज करवाई जा सकती है। पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर नहीं करने वाले अधिकारी को भी दंडित किया जाएगा। ऐसा प्रावधान पहले नहीं था। साथ ही उन्होंने कहा कि घटना के बाद लंबे समय तक जांच चलती रहती है। केंद्र सरकार ने इस एडवाइजरी में साफ तौर पर कहा है कि बलात्कार की घटना की जांच 2 महीने में पूरी होगी। FIR दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर मेडिकल परीक्षण करना अनिवार्य किया गया है। मेडिकल जांच में देरी की वजह से फॉरेंसिक सबूत नष्ट हो जाते हैं।
अक्सर केस दबा दिए जाते हैं
कोंडागांव में हुए गैंगरेप केस में टीआई ने आरोपियों से 10 हजार रुपए लेकर दबाने की कोशिश की थी। आरोपों पर सरोज पांडे ने कहा कि न्याय मांगने पर जब पीड़िता जाती है, तब कई तरह की यातनाओं से गुजरना पड़ता है। खासकर जब सामने यदि कोई बाहुबली या दमदार लोग हो। अक्सर केस दबा दिए जाते हैं। यही वजह है कि केंद्र ने एडवाइजरी जारी की है। महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाओं पर राजनीति होती है, यह बेहद दुखद है। महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाओं के बाद भी राजनीति होने से पीड़िता और उनके परिजनों को यातनाएं झेलनी पड़ती है।