छत्तीसगढ

शैक्षणिक घराने KPS और SSIPMT के संचालकों पर FIR के आदेश, पत्नी ने लगाए यौन शोषण के गंभीर आरोप…

रायपुर, 26 सितंबर। छत्तीसगढ़ शिक्षण घराने पर अपने ही परिवार की महिला को प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। महिला की शिकायत पर उसके पति और जेठ पर कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।

राजधानी के कृष्णा पब्लिक स्कूल के संचालक अभिषेक त्रिपाठी की पत्नी ने अपने सौरल पक्ष पर अमानवीय रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। महिला ने परिवार द्वारा प्रताड़ित किये जाने की शिकायत रायपुर पुलिस से की थी लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं ली, तो महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद रायपुर कोर्ट ने महिला के पति अभिषेक त्रिपाठी, उसके पिता आनंद त्रिपाठी, मां स्नेह लता त्रिपाठी और जेठ निशांत त्रिपाठी के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा है।

प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आरती ठाकुर की कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने और आरोपियों को कोर्ट में पेश होने की ऑर्डर शीट अब जारी कर दी है।

कोर्ट ने नया रायपुर के सेक्टर 27 स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर और महिला के पति अभिषेक त्रिपाठी और उन जेठ निशांत त्रिपाठी जो श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के चेयरमैन हैं, उनके खिलाफ मामला दर्ज करने आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब इन पर 498 ए, 294, 506 बी, 323, 384, 377, 120 बी 34 जैसे IPC की धाराओं में मुकदमा चलाया जाएगा। जल्द ही आरोपियों को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है, ताकि इस केस की आगे की सुनवाई हो सके।

पति पर अप्राकृतिक सेक्स का आरोप

महिला का आरोप है कि उसके पति अभिषेक ने नशे की हालत में बिना सहमति के अप्राकृतिक ढंग से शारीरिक संबंध बनाए। महिला ये प्रताड़ना सहन नहीं कर पाई, इसलिए अब इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। महिला ने कोर्ट को यह भी बताया कि शादी के बाद से ही पति, जेठ, ससुर और सास ने मायके से रुपए लाने को कहा। कुछ जमीन भी अपने नाम करवा लीं। ये सब काफी दिनों से चलता रहा। मगर अब महिला ने इस मामले में न्यायिक कार्रवाई की मांग की है।

रसूख के चलते थाने में दर्ज नहीं हुआ केस

महिला के वकील ठाकुर आनंद मोहन सिंह ने बताया कि अपने साथ हो रही ज्यादतियों को लेकर महिला ने थाने में भी शिकायत की थी, मगर परिवार के रसूख और प्रभाव की वजह से पुलिस इस मामले में FIR करने से बचती रही। इसके बाद महिला ने अदालत से इस मामले में कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए आदेश दिया है।

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