छत्तीसगढ

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूर्व सीएम को बताया चलनी, कहा, ‘सुपा बोले तो बोले, चलनी भी बोले, जिसमें है 72 छेद’

रायपुर। अपनी ही सरकार में किए भ्रष्टाचार की जांच के लिये पूर्व मुख्यमंत्री इतना आतुर है तो सबसे पहले निशक्तजन घोटाले में अपनी संलिप्तता के लिये छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगे। घोटाले की राशि को जनता के खजाने में जमा करायें और फिर बयानबाजी करें। ये मंशा आज कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जाहिर की। उन्होंने चर्चित मुहावरे ‘सुपा बोले तो बोले, चलनी भी बोले, जिसमें 72 छेद है’ का उदाहरण देकर कहा कि पहले डॉ. रमन सिंह से निशक्तजन घोटाले के विषय में अपनी भूमिका को लेकर जवाब दे, उसके बाद बयानबाजी करने की नसीहत दी।
उन्होंने आगे कहा कि निशक्तजन केन्द्र की स्थापना में मुख्यमंत्री के रूप में रमन सिंह ने ही डॉ. सच्चिदानंद जोशी, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, सुधीर जैन और दामोदर गणेश वापट का मनोनयन किया था। अब जब दस्तावेज सार्वजनिक हो चुके हैं तो अपनी भूमिका को छिपाने के लिये रमन सिंह अनापशनाप बयानबाजी का सहारा ले रहे है। उन्होंने करारा तंज कसते हुए कहा कि रमन सिंह को कब से सीबीआई में आस्था बढ़ा है, कि वे अपने ही कार्यकाल में किए भ्रष्टाचार की जांच को लेकर इतनी आतुरता दिखा रहे है। दरअसल, सत्ता से हटने के बाद उनका विश्वास बढ़ा है, ये कारण सब जानते है।

भूपेश सरकार ने किया कानून का सम्मान

2012 में रमन सिंह की ही सरकार ने राज्य में सीबीआई को जांच से रोकने का आदेश निकाला था। उन्होंने कहा कि रमन सिंह सरकार ने यह आदेश से निकाला था लेकिन भूपेश बघेल की सरकार राज्य के कानून का सम्मान करने के लिए अगर अदालत में रिव्यू पीटिशन लगाती है तो इस पर टीका टिप्पणी करते है। रमन सिंह जी बेनकाब हो चुके है। जब भूपेश बघेल विपक्ष में थे तो उन्होंने नान घोटाले के मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई थी। न्यायालय में भी कुछ लोगों ने नान घोटाले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए मामले लगाए थे। तब रमन सिंह सरकार ने कोर्ट में नान मामले की सीबीआई जांच का विरोध किया था।

सत्ता में बीजेपी फिर भी बचते रहे सीबीआई जांच से

त्रिवेदी ने कहा कि, 25 मई 2013 को झीरम में कांग्रेस नेताओं की पूरी पीढ़ी की शहादत हुये। शहीद परिवारों ने लगातार सीबीआई जांच की मांग की। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 को धमतरी की सभा में सत्ता में आने पर जांच की बात कही थी। विधानसभा में सीबीआई जांच की घोषणा करने के बाद भी रमन सिंह सरकार ने सीबीआई जांच नहीं कराई। झरम मामले में, नान घोटाले में लगातार कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की लेकिन रमन सिंह केंद्र में भाजपा सरकार होते हुए भी राज्य से जुड़े इन गंभीर विषयों में सीबीआई जांच से बचते रहे। केंद्र की भाजपा सरकार सीबीआई, ईडी से लेकर तमाम केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक बदला भुनाने के लिए कैसा दुरुपयोग कर रही है यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार पर रमन सिंह और उनके समर्थक नेता जो टीका टिप्पणी कर रहे हैं, वे सबसे पहले अपने गिरेबान में झांक कर तो देख ले।

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