छत्तीसगढ

संवेदनशील CRPF जवानों से न करें ज्यादा मजाक…DG के साथ मैराथन बैठक में लिया निर्णय

जगदलपुर, 10 नवबंर। सीआरपीएफ कैंप के जवानों को समझाइश देते हुए सुकमा के SP सुनील शर्मा ने कहा, जो जवान थोड़ा बहुत भी संवेदनशील है उनसे उनके अधीनस्थ जवान मजाक मस्ती ना करें। लंबे समय से आपके साथ रहने के कारण आप उनके नेचर से परिचित हो जाते हैं। आपको पता हो जाता कि वह जवान कितना मजाक सहन कर सकता है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में CRPF जवान के अपने ही साथियों को गोलियां मार देने की घटना के बाद, मंगलवार को CRPF के डायरेक्टर जनरल (DG) कुलदीप सिंह खुद स्पॉट पहुंचे। वहां उन्होंने बारिकी से निरीक्षण किया। उनके साथ फॉरेंसिक टीम भी पहुंची थी। जिन्होंने घटना स्थल से कई सबूत इकट्ठा किए हैं। कैंप पहुंचे DG ने जवानों से मुलाकात कर घटना के बारे में पूरी जानकारी ली।

अगर ऐसा हो तो अधिकारियों को व्हाट्सएप पर करें शिकायत

सुकमा के SP सुनील शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि, इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि, जो भी जवान थोड़े संवेदनशील हैं उनसे किसी तरह का कोई ज्यादा मजाक न किया जाए। यदि उनको किसी की बातें बुरी लगती है तो वे अधिकारियों को व्हाट्सएप पर शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए अलग से नंबर भी जारी किए जाएंगे।

DG का जवानों के साथ कई घण्टों की मैराथन बैठक
बताया जा रहा है कि कुलदीप सिंह ने कैंप के जवानों के 3-4 घंटे तक बैठक की। घटना के बारे में उन्होंने एक-एक जवान से पूछा। जिसकी रिपोर्ट भी उन्होंने तैयार की। बताया जा रहा है कि इस घटना से पहले आरोपी जवान रितेश रंजन के साथ जिन-जिन जवानों ने बात चीत की थी उनसे भी DG ने चर्चा की है। रितेश के सारे दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है। कुलदीप सिंह ने सुकमा के SP सुनील शर्मा और CRPF के अधिकारियों के साथ चर्चा की कि किस तरह के कदम उठाया जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना न हो सके।

परेशानी दूर करने जवानों के बीच कल्चर प्रोग्राम को देंगे बढ़ावा

कुलदीप सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया कि, नक्सल प्रभावित इलाकों में जितने भी कैंप हैं उनमें तैनात जवानों के मनोरंजन के लिए समय-समय पर खेल समेत विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही जवान और अधिकारियों के बीच समय-समय पर मीटिंग होगी। जवानों के बीच कल्चर प्रोग्राम का भी आयोजन किया जाएगा। जवानों को किसी भी तरह से कोई परेशानी हो तो वे सीधे अधिकारियों को बता सकते हैं।

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