छत्तीसगढ

सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाली को लेकर खोला मोर्चा, जमकर की नारेबाजी

जांजगीर, 2 नवबंर। जांजगीर जिले में अंशदायी पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग तेज हो गई है। इसके लिए पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस राज्योत्सव के मौके पर काला दिवस मनाया है और प्रदर्शन भी किया है। इस दौरान राज्य सरकार के कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। कर्मचारियों ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।

पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने सोमवार को शहर के कचहरी चौक में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी हाथी में तख्ती लिए हुए नजर आए। जिसमें लिखा हुआ था बुढ़ापे का सहारा है ओपीएस हमारा है। कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सरकार के जनघोषणा पत्र में किए गए वादे को भी याद दिलाया है।

कर्मचारी इस तरह की तख्ती हाथ में लेकर प्रदर्शन करते रहे।
कर्मचारी इस तरह की तख्ती हाथ में लेकर प्रदर्शन करते रहे।

मोर्चा ने जांजगीर में प्रदर्शन के बाद प्रशासन को प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम सौंपा ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि छतीसगढ़ कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में वादा किया गया था कि सीपीएफ पर विचार कर, 2004 के पूर्व जो पेंशन योजना थी, उसे लागू करने की कार्रवाई की जाएगी। पर अभी तक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुरानी पेंशन बहाली हेतु कोई पहल नहीं किया गया है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि केंद्र सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2004 से और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1 नवंबर 2004 से नवीन अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई है। नवीन अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) बाजार आधारित योजना है, इस योजना से रिटायर होने वाले (एनपीएस) कर्मचारियों को अल्प पेंशन का भुगतान हो रहा है, जिससे बुढ़ापे में उनका गुजर बसर अत्यंत कठिन होता जा रहा है। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बैनर में छतीसगढ़ के 2 लाख 80 हजार एनपीएस कर्मचारी वर्तमान में लागू एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हैं।

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