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18th Chhattisgarh Young Scientist Congress : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ यंग साइंटिस्ट कांग्रेस 2023 में संबोधन

रायपुर, 03 मई। 18th Chhattisgarh Young Scientist Congress : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए  कहा कि बिना वैज्ञानिक सोच के समाज आगे नहीं बढ़ सकता। आज जिसके पास परमाणु बम है वह पूरी दुनिया में राज कर रहा है। यदि पूरे इतिहास पर नजर डालें तो पिछले 200- 300 साल बहुत महत्त्वपूर्ण है जिसमें बिजली की खोज जैसी महत्वपूर्ण खोज हुये।

बिना वैज्ञानिक सोच के इंसान आगे नहीं बढ़ सकता है। समय समय पर नई खोजों ने समाज को आज इस स्थिति में पहुंचाया है।
हमारे लिए महत्वपूर्ण ये है कि हम सोचें और समस्याओं का पता लगाएं जैसे न्यूटन ने सेव के पेड़ से गिरने पर सोचा था। जो व्यक्ति सवाल नहीं करता और समाधान नहीं खोजता वो समाज में पीछे रह जाता है।

राजा राममोहन राय ने अंग्रेजी और विज्ञान के लिए आंदोलन चलाया था। आज देश के विद्यार्थी देश और दुनिया में अपना स्थान  बना पाए हैं। पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की सोच वैज्ञानिक थी, उनके पास विज्ञान की भी डिग्री थी। जब उन्हें अवसर मिले तो उन्होंने देश को आईआईटी और आईआईएम दिया। यदि नेहरू जी आधारभूत संरचनाएं निर्मित नहीं करते तो हम भी अपने पड़ोसी देशों की तरफ होते। लेकिन आज हम दुनिया से आंख में आंख मिलाकर बात कर पा रहे हैं।

पहले टीवी और मोबाइल के नाम पर भी लोग हंसते थे। लेकिन आज वैज्ञानिक सोच की वजह से मोबाइल में ही लोग टीवी देख रहे हैं। पहले मौसम वैज्ञानिक से जानकारी लेनी पड़ती थी, आज मोबाइल में ही सब कुछ है। लेकिन हम संसाधनों का सही से इस्तेमाल न करें तो इसका दुरूपयोग भी होता है। जितना शोध हमारे ऋषि मुनियों ने किया है उतने शोध पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुए हैं। वर्तमान समस्याओं को पुराने शोध के आधार पर खोजेंगे तो नए शोध समाज में कैसे आएंगे। आज मौसम में बदलाव हो रहा है, ये क्यों हो रहा है इसके आधार में नहीं जाएंगे तो पता कैसे चलेगा।

हमने नरवा गरूआ घुरूआ बारी योजना की शुरूआत की है। छत्तीसगढ़ सरकार दुनिया की पहली सरकार है जो गोबर खरीद रही है। इसके लिए लोगों ने मजाक भी बनाया और योजना की सफलता पर सवाल उठाए। अब गोबर से वर्मी कंपोस्ट बन रहा है, पराली को जला नहीं रहे गौठानों में पहुंचा रहे हैं। जितना हम धरती से ले रहे हैं उतना हमें धरती को वापस भी करना है।
इस योजना से धरती उर्वर हो रही है, उत्पादन बेहतर हो रहा है। प्रकृति ने छत्तीसगढ़ में हमें बहुत कुछ दिया है, इसका इस्तेमाल कर हम रोजगार भी उत्पन्न कर रहे हैं। गोबर से कई उत्पाद बन रहे हैं, खाद बना रहे हैं, प्राकृतिक पेंट बना रहे हैं,  गोबर से बिजली उत्पादन कर रहे हैं। गांव की महिलाएं बहने गोबर से बिजली उत्पादन कर रही हैं।

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