छत्तीसगढ

27% obc आरक्षण को चुनौती, मध्यप्रदेश सरकार को उच्च न्यायालय का नोटिस

जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये 14 प्रतिशत आरक्षण से बढ़ाकर 27 फीसद करने को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति जे के महेश्वरी तथा न्यायमूर्ति अंजुली पालो की पीठ ने भोपाल निवासी प्रत्युष्य द्विवेदी सहित चार लोगों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य के प्रमुख सचिव गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग तथा विधि विभाग के साथ-साथ सचिव मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता संघी ने पीठ को बताया कि वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 16 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण है। राज्य सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का एक्ट पारित कर दिया है। इसके अलावा 10 प्रतिशत आरक्षण सामान्य जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए निर्धारित है। इस प्रकार कुल आरक्षण प्रतिशत 73 प्रतिशत पहुंच जायेगा, जो संविधान की अनुच्छेद 14, 15 तथा 16 में दिये गये प्रावधानों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के स्पस्ष्ट आदेश है कि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

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