सुपेबेड़ा में दूषित पानी के अलावा जेनेटिक भी है किडनी रोग, मीडिया से औपचारिक चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा
रायपुर। सुपेबेड़ा के पानी में फ्लोराइड के अलावा दूसरे तत्वों है, जिसकी वजह से बीमारी हो रही है। पानी के अतिरिक्त जेनटिक फेक्टर भी बड़ी वजह है। सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है, तभी वहां इसके निराकरण के लिए काम की शुरुआत कर दी है। अपनी ये बात आज स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मीडिया से औपचारिक मुलाकात में कही हैं। उन्होंने सरकार की चिंता से रूबरू कराते हुए कहा कि सुपेबेड़ा और आसपास के गांवों में बसे लोगों की बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक भी वहां मौजूद थी।ज
टीएस सिंहदेव ने कहा कि शासन की ओर से लगातार कोशिश जारी है कि सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से और जन हानि न हो। सुपेबेड़ा में न सिर्फ चिकित्सा के अपितु अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी सरकार कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। वहां करवाई की गई जांच में यह बात सामने आई है कि अधिकाधिक किडनी रोग के पीछे कारण जल के साथ जेनेटिक यानि वंशानुगत भी है। उन्होंने कहा कि, वहां 200 से 250 लोग पीडि़त हैं, हम वहां के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं। दो मोबाइल यूनिट वहां भेजे गए हैं। मेडिकल कैम्प लगाए जा रहे हैं। वहां विशेषज्ञ हैं और डीकेएस से डायलिसिस की वहां रखी गई है। वहां कोई डाइलिसिस नहीं लेना चाहते, इसलिए दवाओं के आधार पर बीमारी पर नियंत्रण की कोशिश जारी है। लगातार चिकित्सा कैंप लगाए जा रहे हैं और भी तथ्य सामने आ रहे हैं। मरीजों को नि:शुल्क ब्लड उपलब्ध कराया जाएगा।