Special Article: Dabri opens doors to prosperity, Dular Singh's dream comes trueSpecial Article

रायपुर, 07 अक्टूबर। Special Article : जांजगीर-चांपा जिले की ग्राम पंचायत जाटा के बहेराडीह के दुलार सिंह खेत में एक डबरी बनाने से ही खेती और पशुपालन में होने वाली बढ़ौत्तरी का सजीव उदाहरण बन गए हैं। दुलार सिंह ने यह डबरी भी मनरेगा योजना के माध्यम से बनवाई है। ग्रामीण जीवन का आधार सदैव कृषि और पशुपालन रहा है, परंतु इन दोनों ही कार्यों की आत्मा जल है । यदि जल की व्यवस्था सुदृढ़ हो जाए तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था स्वयं सशक्त हो जाती है। इसी सोच को दुलार सिंह ने साकार रूप दिया है।

डबरी निर्माण होने से पूर्व श्री दुलार सिंह को अपने खेतों की सिंचाई हेतु जल की कमी रहती थी, जिससे सीमित फसल ही ले पाते थे। इसके अलावा बतख पालन, मछली पालन एवं धान की खेती की सिंचाई करने के लिए हमेशा पानी की कमी को महसूस करते आ रहे थे, ऐसे में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से ग्राम पंचायत जाटा में श्री दुलार सिंह के खेत पर डबरी निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्राम जाटा के किसान श्री दुलार सिंह द्वारा अपनी निजी भूमि पर डबरी निर्माण कार्य कराया गया। इस कार्य के लिए 2.14 लाख की प्रशासकीय राशि स्वीकृत की गई इसका कार्य प्रारंभ हुआ और जून 2024 को पूर्ण हुआ। इसमें कुल 380 मानव दिवसों के सृजन से 37 श्रमिक परिवारों को 92,577 की मजदूरी प्राप्त हुई। इससे न केवल रोजगार सृजन हुआ बल्कि जल संरक्षण और कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हुई। अब डबरी में वर्षा जल का संचयन होने से वर्षभर खेतों की सिंचाई सुचारू रूप से हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने मत्स्य पालन एवं पशुपालन शुरू किया, जिससे अतिरिक्त आमदनी का स्रोत भी बना।



दुलार सिंह बताते हैं कि मनरेगा योजना के अंतर्गत डबरी निर्माण से अब मेरी खेती सिंचित हो रही है। इससे धान के साथ-साथ मेढ़ पर सब्ज़ियाँ भी उगा पा रहा हूँ। डबरी में रोहू एवं पंगास मछली 2 कि.ग्रा. मछली के बीज डाले गये है। आगामी माह में मछली 01 किलो होने के बाद इन्होने बाजार में बिक्री करेंगे, जिससे आमदनी प्राप्त होगी। श्री दुलार सिंह अपने निर्मित डबरी के मेंड़ पार पर हल्दी एवं तिल का फसल लगाया हुआ है, जिसे वह हल्दी एवं तिल को अपने घर के लिये उपयोग करेंगे। मत्स्य पालन और पशुपालन से घर की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ग्राम पंचायत सरपंच एवं रोजगार सहायक ने बताया कि इस कार्य से गांव के अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली है। ग्रामीण अब अपनी भूमि पर जल संरक्षण संरचनाएँ बनवाने हेतु आगे आ रहे हैं। इस डबरी निर्माण कार्य ने न केवल श्री दुलार सिंह के जीवन में स्थायी आजीविका का आधार तैयार किया है, बल्कि यह मनरेगा के उद्देश्य रोजगार के साथ स्थायी संपत्ति निर्माण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।

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