चुनाव

SIR 2025 : चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में सुधार और अपडेट के लिए उठाया बड़ा कदम…! छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में शुरू होगा विशेष इंटेंसिव रिवीजन सर्वे…1951 से अब तक आठवीं बार SIR

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। SIR 2025 : मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision, SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की। इस चरण में मतदाता सूची का अपडेट, नए मतदाताओं का पंजीकरण और त्रुटियों का सुधार किया जाएगा।

केंद्रशासित प्रदेश शामिल

SIR के इस चरण में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया होगी-

  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
  • गोवा
  • पुडुचेरी
  • छत्तीसगढ़
  • गुजरात
  • केरल
  • मध्य प्रदेश
  • उत्तर प्रदेश
  • राजस्थान
  • पश्चिम बंगाल
  • तमिलनाडु
  • लक्षद्वीप

BLO घर-घर जाकर करेंगे काम

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार दौरा करेंगे। इस दौरान नए मतदाताओं को फॉर्म भरने में मदद की जाएगी और फॉर्म ERO या AERO को सौंपे जाएंगे।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रक्रिया में बुजुर्गों, बीमार, दिव्यांग (PwD), गरीब और कमजोर वर्गों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए विशेष तैनाती की जाएगी।

मतदाता सूची आज रात फ्रीज

CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि जिन राज्यों में SIR होगा, वहां मतदाता सूची आज रात फ्रीज कर दी जाएगी।

मतदाता संख्या पर भी नियंत्रण

उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी मतदान केंद्र में 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू और प्रभावी हो सके।

SIR क्यों जरूरी है?

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि SIR की जरूरत कई कारणों से है-

  • लगातार पलायन और एक से अधिक स्थानों पर पंजीकरण
  • मृत मतदाताओं के नाम का सूची में रह जाना
  • विदेशी या गलत तरीके से शामिल मतदाता

इतिहास और सक्रिय भागीदारी

देश में अब तक 1951 से 2004 के बीच आठ बार SIR हो चुका है। ज्ञानेश कुमार ने बिहार के मतदाताओं को शुभकामनाएं दी और उन 7.5 करोड़ मतदाताओं को नमन किया जिन्होंने इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे बताया कि आयोग ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों से मिलकर प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा- SIR के जरिए मतदाता सूची की गुणवत्ता सुधारी जाती है और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।

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