
दुर्ग, 6 अक्टूबर। Beating of Monks : महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ में बच्चा चोरी के शक में साधुओं की पिटाई की गई। भिलाई में कुछ लोगों ने भगवा वस्त्रधारी तीन साधुओं को इतनी बेरहमी से पीटा कि तीनों खून से लथपथ हो गए। बताया जा रहा है कि तीनों साधु रास्ता भटक कर बस्ती में पहुंच गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने किसी तरह साधुओं को वहां से बचाकर निकाला। इस मामले में भिलाई-3 पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
जानकारी के मुताबिक, दुर्ग जिले के भिलाई-3 क्षेत्र के पंडितों को चरोदा बस्ती में तीन साधु पहुंच गए। भगवा वस्त्र में साधुओं को देख बस्ती के कुछ युवकों ने उन्हें रोक लिया और बच्चा चोर बताते हुए पिटाई शुरू कर दी। युवकों ने साधुओं को ऑटो से बाहर खींचने का प्रयास किया और पीटते रहे। इसके चलते साधु लहूलुहान हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंची और उन्हें किसी तरह से बचाया।
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में पुलिस
घटना बुधवार सुबह करीब 11-12 बजे की बताई जा रही है। पिटाई के चलते साधुओं का सिर तक फट गया। उनके चेहरे, हाथ और पैर में चोटें आई हैं। पुलिस ने साधुओं के साथ हुई इस वारदात को दबा दिया था, लेकिन अगले दिन गुरुवार को पिटाई का वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद जिले में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि मामला दर्ज नहीं करने पर SP डॉ. अभिषेक पल्लव ने थाना प्रभारी को फटकार भी लगाई।
किराये पर रहते हैं, भीख मांगकर करते थे गुजारा
बताया जा रहा है कि तीनों साधुओं (Beating of Monks) का नाम राजबीर सिंह, अमन सिंह और श्याम सिंह है। तीन रेलवे क्षेत्र चरोदा में काफी समय से किराए का मकान लेकर रह रहे थे और भीख मांगकर जीवन यापन करते थे। बताया जा रहा है कि कुछ लोग दशहरा पार्टी कर रहे थे। उन्होंने साधुओं को जाता देखा तो बच्चा चोर कहकर रोक लिया और शराब के नशे में पीटने लगे। धीरे धीरे भीड़ जुट गई और सभी उनकी पिटाई में शामिल हो गए।

इसके बाद दुर्ग SP डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा कि बच्चा चोर होने की सिर्फ अफवाह है। इस पर ध्यान न दें। उन्होंने बताया कि साधुओं की पिटाई बच्चा चोरी के शक में बस्ती वालों ने की है। अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अब वीडियो से पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए पूछताछ जारी है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
साधुओं के पास से कोई आईडी नहीं मिली
SP डॉ. पल्लव ने बताया कि साधु वेश में तीन लोग बुधवार को घूम रहे थे। तीनों लोगों के पास से कोई आईडी नहीं मिली है। हालांकि वह खुद को राजस्थान के अलवर का रहने वाला बता रहे हैं। अस्पताल में उपचार कराने के बाद उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। अगर किसी पर संदेह है तो उसे पकड़ कर पुलिस को सोंपे। खुद किसी से मारपीट (Beating of Monks) न करें।