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Better Treatment : छत्तीसगढ़ के 5 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र

रायपुर, 29 अप्रैल। Better Treatment : उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के पांच सरकारी अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को गुणवत्ता प्रमाण-पत्र से नवाजा है।

भारत सरकार द्वारा (Better Treatment) गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के आमाडांड, बस्तर के आड़ावाल और कांकेर के कोटतरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। रायपुर के भाठागांव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दुर्ग जिले के टंकी मरोदा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र से नवाजा गया है।

स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल अधिकारियों-कर्मचारियों को दी बधाई

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।
 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के अंतर्गत राज्य के अस्पतालों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के नियमित प्रशिक्षण के बाद संस्था का आंतरिक तथा राज्य स्तरीय मूल्यांकन, सेवा प्रदाय ऑडिट तथा पेशेंट संतुष्टि सर्वे की प्रक्रिया की जाती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Better Treatment) की टीम द्वारा विगत मार्च महीने में इन पांचों अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया था। उन्होंने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का कई मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।

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