Big Success Forest Department : वन्य प्राणी के शिकार पर आरोपियों को भेजा जेल
रायपुर, 14 फरवरी। Big Success Forest Department : मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार राज्य में विभाग द्वारा वन अपराधों की रोकथाम के लिए अभियान लगातार जारी है। इस तारतम्य में 7 फरवरी को सूचना प्राप्त हुआ कि वन परिक्षेत्र बिलासपुर अन्तर्गत सोठी सर्किल के बिटकुला बीट के कक्ष क्रमांक 12 आर.एफ. घानाकछार जंगल के नाले में एक वन्य प्राणी तेन्दुआ मृत हालत में पड़ा हुआ है।
सूचना मिलते ही वन वृत्त बिलासपुर के मुख्य वनसंरक्षक नाविद शुजाउद्दीन (भा.व.से.) वनमण्डल बिलासपुर के वनमण्डलाधिकारी कुमार निशांत (भा.व.से.), सुनिल कुमार (रा.व.से.) एवं वन परिक्षेत्र बिलासपुर के वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री ए. एस. नाथ एवं बिलासपुर परिक्षेत्र के कर्मचारी मौका घटना स्थल पर मौका मुआयना किया गया। प्रथम दृष्टिया शिकार के संदेह होना पाया गया।
डॉक्टरों ने करंट लगने से मौत की जताई आशंका
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार 7 फरवरी को सायंकाल हो जाने के कारण वनकर्मियों को मृत तेन्दुआ की सुरक्षा में देख-भाल हेतु रखा गया। इसके बाद 8 फरवरी को वनमण्डलाधिकारी एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी बिलासपुर तथा परिक्षेत्र के वनकर्मियों की उपस्थिति में शासकीय पशु चिकित्सकों की उपस्थिति में शव विच्छेदन नियमानुसार किया गया जिसमें चिकित्सकों द्वारा प्रथम दृष्टिया विद्युत करंट से मृत होने की संभावना बताई गई।
वन्य जीव तेंदुआ के अवैध शिकार की खोजबीन (Big Success Forest Department) एवं जांच के क्रम में पुलिस एवं वन विभाग की टीम का गठन किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर पारुल माथुर के सहयोग से वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत को संयुक्त रूप से आरोपी का पता लगाने की जिम्मेदारी दी।
5 आरोपियों का इकबालिया बयान
11 फरवरी को दो व्यक्ति संतोष कुमार धनुहार पिता सगन साय धनुहार उम्र 35 वर्ष पता बनुहार पारा, पोस्ट-निरंतु, थाना-सीपत, जिला-बिलासपुर (छ.ग.) और नंदकुमार पटेल पिता बिसालिक राम पटेल उम्र 50 वर्ष पता बंगलाभाठा, पोस्ट-निरंतु, थाना-सीपत, जिला-बिलासपुर (छ.ग.) के द्वारा शिकार करने की पुष्टि उनके बयान एवं मेमोरण्डम कथन के अनुसार विद्युत करंट से शिकार करना स्वीकार किया गया।
उक्त दोनों व्यक्तियों के कथनानुसार अपराध में संलिप्त 3 व्यक्तियों वीजराम पटेल (उर्फ भकाचंद) पिता लच्छी राम पटेल उम्र 58 वर्ष पता निरंतु पोस्ट-निरंतु, थाना-सीपत जिला बिलासपुर (छ.ग.), समारू (उर्फ संजय) धनुहार पिता लटी राम धनुहार उम्र 35 वर्ष पता छिंदपानी, जिला कोरबा (छ.ग), फूल सिंह यादव पिता मंजरू यादव उम्र 70 वर्ष पता निरंतु पोस्ट-निरंतु, थाना- सीपत, जिला-बिलासपुर (छ. ग.) का होना पाया गया।
तेंदुए के कीमती अंगों को 30 फीट गहरे कुएं में छिपा रखा था
इन आरोपियों द्वारा वन्य जीव तेन्दुआ का शिकार किया गया एवं वन्य प्राणी तेन्दुआ का नाखून 1 नग, दांत 2 नग, धारदार दुनिया 1 नग तीर 10 नग, धनुष 1 नग, जी.आई.तार फांदा 5 बण्डल = 2.500 कि.ग्रा., कुदाल 01 नग, स्टील टिफिन खून लगा हुआ 1 नग शिकार के लिए प्रयोग किये लकड़ी का खुंटी 9 नग, खून लगा हुआ पन्नी 13 नग जप्त किया गया। आरोपी नंदकुमार पटेल के द्वारा वन्य जीव तेन्दुआ का 1 नग नाखुन एवं तेन्दुआ का दांत 2 नग का पॉलीथिन में भरकर अपने घर के बाड़ी में स्थित कुआं के अन्दर 30 फीट गहराई पानी में छुपाकर रखा था जिसे जांच टीम द्वारा कुआ के पानी को मोटर पंप लगाकर खाली कर वन्य जीव अवशेष को बाहर निकाला गया और वन अपराध प्रकरण क्रमांक 7463/15, के अनुसार 7 फरवरी को वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9,39 50 एवं 51 के तहत 12 फरवरी 2022 को माननीय न्यायालय बिलासपुर में प्रस्तुत किया गया जिसे 14 दिनों की न्यायिक रिमाण्ड पर केन्द्रीय जेल बिलासपुर में दाखिल किया गया।
घर में अन्य जंगली जानवरों के अवशेष भी मिले
इस कार्यवाही के दौरान दो अन्य व्यक्ति बलदेव सिंह वल्द अंजीर सिंह, जाति गोड साकिन अंदराली थाना सीपत जिला-बिलासपुर (छ.ग.), रहस राम पटेल जाति मरार वल्द सोहनू पटेल उम्र 30 वर्ष पता निरंतु थाना-सीपत, तहसील मस्तुरी, जिला-बिलासपुर (छ.ग.) को भी जंगली सुअर अनुसूची-3 के प्राणी का शिकार कर अपने घर में वन्य जीव जंगली सुअर का अवशेष भी उनके घर से बरामद किया गया जिन्हें वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पृथक से वन अपराध क्रमांक 7463/16 एवं 7463/17 के अनुसार 11 फरवरी को पंजीबद्ध कर न्यायालय बिलासपुर में प्रस्तुत कर आदेशानुसार जेल दाखिल किया गया।
इस कार्यवाही में (Big Success Forest Department) सीपत थाना प्रभारी राजकुमार सोरी, महादेव खुंटे समस्त पुलिस थाना स्टॉफ एवं वन परिक्षेत्र के वेद प्रकाश शर्मा वनपाल, अजय बेन वनपाल, हफीज खान वनपाल बहोरन लाल साहू वनरक्षक रमेश ठाकुर वनरक्षक रविन्द्र महिलांगे, चंद्रहास तिवारी वनरक्षक तथा वनमण्डल बिलासपुर के उपनदस्ता की टीम का योगदान सराहनीय रहा है।