रायपुर, 29 अक्टूबर। CIMS Bilaspur : छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS), बिलासपुर के चिकित्सकों ने एक अत्यंत जटिल और जोखिमपूर्ण सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। मरीज दोनों पैरों में पोलियो और रीढ़ की हड्डी में गंभीर विकृति से पीड़ित थीं, जिसके कारण उनका चलना-फिरना अत्यंत कठिन हो गया था और पिछले कई महीनों से वे पेट में तेज दर्द और असहनीय तकलीफ झेल रही थीं।
महिला ने शहर के कई निजी अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन जटिल शारीरिक स्थिति और उच्च जोखिम को देखते हुए किसी ने सर्जरी का दायित्व नहीं लिया। अंततः सिम्स बिलासपुर की चिकित्सक टीम ने चुनौती स्वीकार की और सफल ऑपरेशन कर मरीज को नई जिंदगी दी।
जांच के दौरान मरीज के गर्भाशय में लगभग 16 सप्ताह के गर्भ के आकार की बड़ी गांठ (ट्यूमर) पाई गई, जिसे सर्जरी के दौरान सुरक्षित रूप से निकाला गया। यह ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क किया गया।
टीम और संचालन
सर्जरी का नेतृत्व डॉ. संगीता रमन जोगी, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने किया। उनकी टीम में डॉ. दीपिका सिंह, डॉ. रचना जैन (एसोसिएट प्रोफेसर) और डॉ. दीक्षा चंद्राकर (पीजी रेज़िडेंट) शामिल रहीं।
एनेस्थीसिया टीम का मार्गदर्शन डॉ. मधुमिता मूर्ति, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया विभाग ने किया। टीम में डॉ. भावना रॉयजादा, डॉ. श्वेता कुजूर, डॉ. मिल्टन देबर्मन और डॉ. सुरभि बंजारे शामिल थे, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में भी एनेस्थीसिया को कुशलता से प्रबंधित किया। सर्जरी के उपरांत मरीज की स्थिति पूरी तरह स्थिर है और वे तेजी से स्वस्थ हो रही हैं।
सिम्स की प्रशंसा
इस अवसर पर सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा, यह सर्जरी सिम्स संस्थान की चिकित्सा क्षमताओं, विशेषज्ञता और टीमवर्क का उत्कृष्ट उदाहरण है। हमारे चिकित्सक हर चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में मरीजों को सर्वोत्तम इलाज प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।




