रायपुर, 17 अगस्त। CM Challenge RSS-BJP : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। सीएम ने कहा बहुत अच्छा लगता है जब दोरंगियों के हाथ में तिरंगा दिखाई देता है। बहुत अच्छा लगता है, जिनके कार्यालय में दशकों तक तिरंगा नहीं फहरा था आज तिरंगा लहरा रहा है। बहुत अच्छा लगता है जिनके डीपी में तिरंगा नहीं था, अब उनके डीपी में तिरंगा नजर आ रहा है।
देशभक्ति के लिए इनके प्रमाण देने की जरूरत नहीं है, लेकिन इनको प्रमाण देने की आवश्यकता है। हमें प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है। देश की आजादी के लिए हमारे पुरखों ने अपना खून, अपना पसीना इस धरती पर बहाया है। लेकिन ये लोग देश को बांटने में लगे थे। समाज को बांटने में लगे थे। अंग्रेजों की दलाली करने में लगे थे। ये हमें देश भक्ति सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि एक बार नाथूराम गोडसे मुर्दाबाद बोल कर बता दो। आपके राष्ट्रभक्ति का प्रमाण पत्र कांग्रेस दे देगी।
रायपुर के गांधी मैदान में आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर (CM Challenge RSS-BJP) कांग्रेस की गौरव यात्रा के समापन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आप वीर सावरकर का नाम लेते हैं। जब तक वे जेल नहीं गए थे वे क्रांतिकारी थे। इसे स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं, लेकिन जैसे ही कालापानी की सजा में सावरकर को अंडमान निकोबार भेजा गया।
उन्होंने अंग्रेजों से दर्जनों बार माफी मांगी। जेल से निकलने के बाद कभी भी अंग्रेजों के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। बल्कि अंग्रेजों के एजेंडे फूट डालो और राज करो की जड़ों को सींचने का काम सावरकर ने किया। इन्होंने ही दो राष्ट्र बनाया। 1937 में मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद जिन्ना ने कहा कि 2 राष्ट्र बनना चाहिए। गांधी, नेहरू, पटेल या आजाद ने नहीं कहा। दो राष्ट्र की बात कहने वाले सावरकर और जिन्ना थे।
सीएम भूपेश बघेल ने सवाल करते हुए कहा कि आप गांधी को अपना रहे है, चरखा, चश्मा और लाठी को अपना रहे हैं। सरदार पटेल और तिरंगा झंडा को अपना रहे हैं। यह सब देख कर बहुत अच्छा लगता है, लेकिन एक बात मैं भाजपा और संघ के लोगों से कहना चाहता हूं। एक बार तो नाथूराम गोडसे मुर्दाबाद बोल दो। एक बार नाथूराम गोडसे मुर्दाबाद बोल कर बता दो। आपके राष्ट्रभक्ति का प्रमाण पत्र कांग्रेस दे देगी।
ये लोग एक ओर नाथूराम गोडसे (CM Challenge RSS-BJP) का मंदिर बनाते हैं, उसकी पूजा करते हैं। दूसरी ओर गांधी को अपनाने की बात करते हैं तो यह दोहरा चरित्र नहीं चलेगा। बघेल ने कहा कि महात्मा गांधी ने देने के अलावा कभी लेने का काम नहीं किया। देश की खातिर सब कुछ उन्होंने त्याग किया है। अपने घर बार छोड़कर आश्रम में रहने लगे। देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बना रहे, इसलिए उन्होंने अपने प्राणों की भी आहुति दी है। हे राम… कहते हुए अपने प्राण त्यागे, उस संत को बदनाम करने में लगे हो।