कालजयी साहित्यकार प्रेमचंद को सुनने 817 विद्यार्थियों ने दिखाई रूचि, ऑनलाइन क्लास में शिक्षक नरेन्द्र कुमार ‘गुल्ली-डंडा’ कहानी से पारंपरिक खेल से कराया परिचित

रायपुर, 1 जून। वह सुबह सुबह घर से निकल जाना, वह पेड़ की फुनगियो पर चढ़ना और काटना, काट कर गुल्ली डंडा बनाना, वह खिलाडियों का उत्साह, वह दाम देना और दाम लेना, वह लड़ाई-झगड़ा, वह सरल स्वभाव जिसमे न जात-पात, न छुआ-छुत, न अमीरी-गरीबी बिलकुल किसी भी बात का भेद भाव होता था, ये कैसी-कैसी याद है। यही होता था जब हम गुल्ली-डंडा खेला करते थे। ऑनलाइन क्लास में आज शिक्षक नरेन्द्र कुमार जांगडे ने विद्यार्थियों के साथ कक्षा 9वीं के पाठ मुंशी प्रेमचन्द रचित कहानी ‘गुल्ली-डंडा’ के अध्यापन के दौरान ये प्रश्न पूर्व ज्ञान के रूप में पूछा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एससीईआरटी के जुगाड़ स्टूडियों से संचालित ऑनलाइन क्लास में हिंदी भाषा के शिक्षक नरेन्द्र कुमार जांगडे के द्वारा कालजयी साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद कृत गुल्ली-डंडा पाठ के माध्यम से 817 विद्यार्थियों को पारंपरिक खेल से परिचित कराया। पाठ के माध्यम से बताया गया कि छत्तीसगढ़ में बहुत सारे खेल खुद यथा गुल्ली-डंडा, भौरा बाटी, खो-खो, रेसटीप, छू-छोउला, डंडा-पचरंगा जैसे खेल है जो समूह कार्य, सामुदायिक सहभागिता, भेदभाव, पारस्परिक सद्भाव को बल देते है। ऑनलाइन क्लास में आज डॉ. जयभारती चंद्राकर द्वारा हिंदी, मधु नायक द्वारा रसायन, शरद नामदेव द्वारा भूगोल की क्लास ली गई।
ज्ञातव्य हो कि छत्तीसगढ़ स्कुल शिक्षा विभाग द्वारा सीजीस्कूलडॉटइन वेब पोर्टल पर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन रोचक तरीके से किया जा रहा है, जिसमें विद्यार्थी अपनी कक्षा और विषय चयनित कर ऑनलाइन कक्षा से जुड़ते हैं और शिक्षकों के साथ परस्पर संवाद भी करते हैं, एक तरह से यह वास्तविक कक्षाओं का स्वरूप है। जो विद्यार्थी किसी कारणवश ऑनलाइन कक्षा से जुड़ नहीं पते वो यू ट्यूब पर पीटीडीछत्तीसगढ़ चैनल को सब्सक्राइब कर ऑनलाइन लाइव या फिर बाद में कभी भी देख सकते हैं। अब तक के सभी ऑनलाइन कक्षा का वीडियो यू ट्यूब के पीटीडीछत्तीसगढ़ चैनल पर उपलब्ध है। साथ ही एससीईआरटी के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 0771-2443696 जारी किया गया है, जिस पर केवल कार्य दिवसों पर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक सम्पर्क किया जा सकता है।