Coal Block Crisis Solution : राजस्थान को मिलेगा छग का कोल ब्लॉक…?
रायपुर, 25 मार्च। Coal Block Crisis Solution : राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने आज छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल से मुलाकात की। गहलोत ने परसा कोल ब्लॉक में खनन के लिए अटकी स्वीकृति को जारी करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि हमें अगर कोयला नहीं मिला तो राजस्थान में सभी बिजली उत्पादन यूनिट (थर्मल यूनिट) बंद हो जाएगी। इससे राज्य में बिजली को लेकर बड़ा क्राइसिस आ जाएगा।
CM बघेल ने CM गहलोत संग की चर्चा
आपको ज्ञात हो कि, भारत सरकार ने राजस्थान सरकार को छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आवंटित (Coal Block Crisis Solution) किया है। बीते लंबे समय से इस प्रकिया को लेकर राजनीतिक चर्चाएं हो रही थीं, जिसमें कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान सरकार को ब्लॉक आवंटित करने में रोड़ा लगा रहे हैं, आज उसका पटाक्षेप हो गया है।
कोल ब्लॉक में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं : CM बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पत्रकारों से चर्चा में बताया कि राज्य सरकार का कोल ब्लॉक में किसी तरह की भूमिका नहीं होती है। भारत सरकार कोल ब्लॉक आवंटित करती है, वह किसी संस्थान को हो सकता है या फिर राज्य सरकार को दे सकती है, जिसके एवज में राज्यों को उसकी रॉयल्टी प्राप्त होती है।
सीएम बघेल ने बताया कि यह एक प्रक्रिया होती है, जिसका निष्पादन भारत सरकार के निर्देश पर राज्य की सरकार करती है और तय प्रक्रिया के तहत ही आवंटन पश्चात गाइड लाइन पर काम करती है। सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोयला प्रचुर मात्रा में है, जिसकी आपूर्ति पूरे देश में होती है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राजस्थान सरकार को भी भारत सरकार ने कोल ब्लॉक आवंटित किया है, जिसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसके चलते आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, ऊर्जा मंत्री और अफसरों के साथ आज छतीसगढ़ के दौरे पर हैं। यह पहली बार है जब एक मुख्यमंत्री स्वयं चलकर आए हैं।
कोयला नहीं मिला तो सारे प्लांट हो जाएंगे बंद : CM गहलोत
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में बिजली उत्पादन के लिए अधिकांश प्लांट थर्मल हैं। इनसे 4500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इनके लिए अब हमारे पास कोयला नहीं है। मौजूदा ब्लॉक से कोयला खत्म हो गया है और अगर जल्द ही हमे नहीं मिला तो हमारे सारे प्लांट बंद हो जाएंगे।
केंद्र ने जितनी दी है उतनी ही खनन की अनुमति दें
जब मीडिया की तरफ से सवाल किया कि, इस खनन से वहां के आदिवासियों और वन क्षेत्र को काफी नुकसान होगा? इस पर गहलोत ने कहा कि हमें उतना ही खनन करने की (Coal Block Crisis Solution) अनुमति दी जाए, जितना खनन करने की अनुमति केन्द्र सरकार ने हमें दी है। केन्द्र सरकार सभी आंकलन और राज्यों की जरूरत को ध्यान में रखकर ही अनुमति जारी करती है।
परसा ईस्ट-कांटा बासन का खनन समय हो चुका पूरा
दरअसल, राजस्थान के बिजली घरों के लिए कोयले की आपूर्ति ज्यादातर छत्तीसगढ़ से होती है। भारत सरकार ने राजस्थान को साल 2015 में 4 हजार 340 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाईयों के लिए छत्तीसगढ़ के परसा ईस्ट-कांटा बासन (PEKB) में 15 मिलीयन टन प्रतिवर्ष (MTPA) और परसा में 5 MTPA क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किए थे। इनमें से परसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के पहले चरण में खनन इस महीने पूरा हो चुका है।
यहां से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति अब नहीं हो सकेगी। इसको लेकर पिछले दिनों राज्य सरकार के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड से जुड़े अधिकारी भी छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों से मिले थे, लेकिन कोई बात नहीं बनी। ऐसे में अब लगातार कोयले का संकट बिजली घरों पर बना हुआ है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद छत्तीसगढ़ आये है।