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Delta Plus Variant : महाराष्ट्र समेत 12 राज्यों में सामने आए डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले, जानें- इससे जुड़े अपडेट्स

नई दिल्ली, 29 जून। कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट काफी तेजी से पैर पसार रहा है। इसने देश के कई राज्यों में दस्तक दे दी है। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों में इसके 50 से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि नए म्यूटेंट पर कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता के लैब टेस्ट के परिणाम 10 दिनों में सामने आएंगे। मंत्रालय ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन टीके कोरोना के वैरिएंट अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के खिलाफ काम करते हैं, जबकि डेल्टा प्लस के खिलाफ उनकी प्रभावशीलता का परीक्षण किया जा रहा है। आइए जानते हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट से जुड़े अपडेट्स-

– समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को कहा कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए 21 लोगों में से केवल एक ने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि अगर महाराष्ट्र के पास कोरोना टीकों का पर्याप्त स्टॉक मौजूद रहता है, तो वह अपनी पूरी योग्य आबादी को दो महीने में टीका लगा सकता है। पिछले शुक्रवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण पहली मौत हुई थी, जहां एक 80 वर्षीय महिला ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था।

– हिमाचल प्रदेश सरकार ने सोमवार को कहा कि राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, दूसरी लहर में मृत्यु दर अधिक देखी गई है। राज्य में पॉजिटिव मामलों के बीच वैरिएंट ऑफ कंसर्न के परीक्षण के लिए कुल 1,113 सैंपल दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को भेजे गए थे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्राप्त रिपोर्ट में, 109 नमूनों में यूके स्ट्रेन , जबकि आठ नमूनों का कप्पा स्ट्रेन और 76 नमूनों में डेल्टा स्ट्रेन पाया गया। हालांकि, डेल्टा प्लस स्ट्रेन का कोई मामला सामने नहीं आया है।

– कोरोना के नए मामलों में लगातार गिरावट के बीच, गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ अलर्ट जारी किया है, जिसे केंद्र सरकार ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है। हालांकि, जिले में अभी तक इस वैरिएंट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। फिर भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) वीरेंद्र यादव ने सभी अधिकारियों को वैरिएंट के खिलाफ सतर्क रहने के लिए पत्र लिखा है।

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