मुजफ्फरनगर, 5 नवंबर। Dog Death Shock : मेरठ के कंकरखेड़ा में गली के कुत्ते की मौत से सदमे में आई छात्रा गौरी (24) ने शुक्रवार सुबह पानी की टंकी (ओवरहेड टैंक) से कूदकर जान दे दी। गौरी ने हाल ही में नीट क्वालिफाइड किया था। परिजनों ने पुलिस कार्रवाई से इनकार करते हुए कक्केपुर गांव में उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
घर में पाल रखे थे 10 कुत्ते
सीओ दौराला अभिषेक पटेल ने बताया कि गेल के गाजियाबाद कार्यालय (Dog Death Shock) में तैनात संजय त्यागी परिवार संग डिफेंस एन्क्लेव में रहते हैं। संजय का बेटा सार्थक बंगलूरू में आईटी कंपनी में इंजीनियर है। बताया कि बेटी गौरी ने इसी साल नीट क्वालिफाई किया था। उसे जानवरों से बहुत प्यार था। उसने घर में 10 कुत्ते पाल रखे थे। गुरुवार शाम को वह पालतू कुत्ते के साथ घूमने निकली तो सड़क पर एक घायल कुत्ता देख उसे घर ले आई। उसने कुत्ते की काफी देखभाल की लेकिन उसकी मौत हो गई। घायल कुत्ते की मौत पर गौरी दुखी हो गई। बेटी की मौत से मां बबली समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
डिफेंस एन्क्लेव में पानी के ओवरहेड टैंक से कूदकर आत्महत्या करने वाली छात्रा गौरी (24) के पड़ोसियों ने बताया कि घटना से आधा घंटा पहले उसने एक सहेली को भी फोन किया था। फोन करने के बाद वह लगातार रोती रही। पांच मिनट बाद उसने फोन काट दिया। इसके करीब 10 मिनट बाद सहेली छात्रा के घर पहुंची और परिजनों को बताया कि वो फोन पर रो रही थी। परिजनों ने बताया कि वह अभी बाहर निकली है। इसके बाद परिजन छात्रा की तलाश में जुट गए, कुछ देर में शोर मचने पर घटना का पता चला।
परिजनों ने बताया कि गौरी को कुत्तों से बहुत लगाव था। उसने घर पर दस कुत्ते पाल रखे थे। ये सभी स्ट्रीट डॉग थे। वह रोजाना सुबह उठते ही उनको खाना खिलाती थी। दोपहर को शाम को उनको समय से खाना देती थी। शुक्रवार सुबह पौने बजे के करीब गौरी घर के पास की दुकान से कुत्तों के लिए अंडे लेकर आई। कुत्तों को खाना खिलाने के बाद कुछ देर वो उनके साथ खेली भी, इसके बाद वह घर से निकल गई। किसी भी व्यक्ति ने उसको टंकी पर चढ़ते नहीं देखा, गिरने पर आवाज हुई तो घटना की जानकारी गई।
नीट की परीक्षा पास करने पर बेहद खुश थे परिजन
गौरी का जिस दिन नीट का रिजल्ट आया तो परिवार (Dog Death Shock) के लोग बहुत खुश थे। परिजनों ने मोहल्ले में मिठाई बांटी थी। एक महीने बाद गौरी को काउंसिलिंग के लिए मुंबई जाना था, इसकी वह तैयारी में जुटी थी। परिजनों ने बताया कि वह चिकित्सक बनकर गरीब लोगों की सेवा करना चाहती थी। पड़ोसियों के अनुसार गौरी बहुत खुशमिजाज व सरल स्वभाव की थी। वह स्ट्रीट डॉग्स का बड़ा ध्यान रखती थी। सड़क और घर के आसपास कहीं गंदगी होती तो सफाई करती। गौरी के मौत से मोहल्ले के लोग बेहद गमगीन थे, वे बस यही कह रहे थे कि कुत्ते की मौत पर गौरी ने ऐसा कदम क्यूं उठा लिया।