कोरबा, 26 अक्टूबर। Forest ka Action : हाथी के बच्चे के कत्ल के मामले में वन विभाग ने 13 लोगों को पकड़ा है। इनमें से एक आरोपी नाबालिग है। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर हाथी के बच्चे को मारा और फिर उसकी डेड बॉडी को धान के खेत में गाड़ दिया। मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का हैं।
शुरुआती जांच के दौरान पता चला है कि 18 अक्टूबर को पासन फॉरेस्ट रेंज (Forest ka Action) के अंतर्गत आने वाले बानिया गांव में एक खेत में आरोपियों की नजर हाथी के बच्चे पर पड़ी थी। इसके अगले ही दिन इन्होंने हाथी के बच्चे को जहर देकर मार डाला। खटघोरा डिविजनल ऑफिसर प्रेमलता यादव ने इस बात की जानकारी दी है।
हाथियों ने लिया बदला
बताया जाता है कि इसके बाद 44 हाथियों के एक झुंड ने हाथी के बच्चे की मौत का बदला लिया। इन हाथियों ने मिलकर देवमत्ति गांव में आतंक मचाया। इन हाथियों ने एक युवक को मार डाला और तीन पशुओं को भी मौत के घाट उतार दिया था। गुप्त सूचना के आधार पर 20 अक्टूबर को विन विभाग के अधिकारियों ने हाथी के शव को बरामद कर लिया। इसके बाद इस मामले में हाथी के बच्चे को मार डालने को लेकर एक जांच शुरू की गई है। जांच-पड़ताल के दौरान पता चला कि खेत में हाल ही में धान रोपा गया था। इस मामले में वाइल्डलाइफ (सुरक्षा) की धारा 1972 के तहत केस दर्ज किया गया था।
वन विभाग ने यह भी बताया है कि इस हत्याकांड में जिस नाबालिग को पकड़ा गया है उसकी उम्र 16 साल है। अधिकारियों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस के सामने अपना अपराध कबूला। बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में हाथियों और इंसानों के बीच अक्सर भिड़ंत हो जाती है और यह एक गंभीर विषय भी है। सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजबुर, गारियाबाद, जशपुर और बलरामपुर ये कुछ ऐसे जिले हैं जहां अक्सर इंसान और गजराज आमने-सामने आ जाते हैं।
वन विभाग के मुताबिक, पिछले तीन सालों में हाथियों के हमले (Forest ka Action) में कम से कम 210 लोगों की जान गई है। इसके अलावा पिछले चार सालों में यहां करीब 47 हाथियों की भी मौत हो चुकी है। कई हाथियों की मौत करंट लगने से भी हुई है।