छत्तीसगढ

Ganeshotsav : कोविड के दौर में दूसरी बार होगा गणपति बप्पा का आगमन…जानिए बदली गाइडलाइन

पंडाल में भी 20 की जगह 50 लोगों की एंट्री, DJ-Dhumal की अनुमति नहीं

रायपुर, 7 सितंबर। कोरोना वायरस महामारी में इस साल भी गणपति बप्पा के आगमन का समय आ गया है। कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव के चलते इस बार भी त्योहारी मौसम का उत्साह फीका हो गया है। राज्य भर में गणेशोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं, हालांकि कोविड के चलते इस बार भी पंडाल पहले की तरह नहीं लग रहा है। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने गणेश उत्सव को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है।

इससे पहले 28 जुलाई को भी एक गाइडलाइन जारी की गई थी। पुरानी गाइडलाइन के कुछ नियमों को बदला गया है। नए नियम के मुताबिक अब 8 फीट की प्रतिमा पंडालों में स्थापित की जा सकेगी।

ध्वनि को लेकर भी गाइडलाइन

गणेश चतुर्थी राज्य के बड़े त्योहार के साथ-साथ बहुत शोरगुल वाला होता है, इसलिए ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। पंडाल के पास प्रशासन की अनुमति के बाद ही साउंड सिस्टम, डीजे या धुमाल बजाया जा सकेगा। मूर्ति को लाने या विसर्जन के लिए ले जाने के दौरान धुमाल, डीजे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

इन मूर्तियों को बेचना-स्थापित करना प्रतिबंधित

प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों को बेचना या स्थापित करना प्रतिबंधित होगा। इससे पहले 4 फीट तक की प्रतिमा की ही अनुमति थी। नई गाइडलाइन के मुताबिक पंडाल या मंडप में एक वक्त में 50 से अधिक व्यक्ति जमा नहीं होंगे, इससे पहले सिर्फ 20 लोगों की ही अनुमति दी गई थी।

लेनी होगी अनुमति

अगर घर के बाहर कैंपस में या सार्वजनिक जगहों पर गणेश मूर्ति स्थापित करनी है तो इसके लिए अनुमति लेनी होगी। कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक 3 दिन पहले यह अनुमति संबंधित नगर निगम के जोन दफ्तर से ली जाएगी। इसके लिए शपथ पत्र और आवेदन देना होगा। सिर्फ ऐसी जगहों पर ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी जिससे यातायात प्रभावित ना हो।

इन नियमों का करना होगा पालन

  • मूर्ति स्थापना का पंडाल 15 बाय 15 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • पंडाल के सामने 500 वर्ग फीट की खुली जगह होनी चाहिए।
  • लोगों के लिए बैठने के लिए कोई अलग से पंडाल नहीं बनेगा और ना ही कुर्सी लगाई जाएगी।
  • मूर्ति स्थापित करने वाली आयोजन समिति को एक रजिस्टर मेंटेन करना होगा।
  • दर्शन करने आने वाले सभी लोगों के नाम-पते मोबाइल नंबर लिखने होंगे।
  • पंडाल में सैनिटाइजर थर्मल स्कैनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश, क्यू मैनेजमेंट की तमाम सुविधाएं होनी चाहिए।
  • कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी।
  • यदि मूर्ति स्थापना के बाद इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है तो पूजा रोकनी होगी।
  • पंडाल के पास ही अनुमति के बाद साउंड सिस्टम, डीजे या धुमाल बजाया जा सकेगा।
  • मूर्ति को लाने या विसर्जन के लिए ले जाने के दौरान धुमाल, डीजे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
  • मूर्ति स्थापना या विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाने-पीने की चीजें बांटी नहीं जाएंगी।
  • मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी।
  • विसर्जन के लिए सिर्फ पिकअप, टाटा एस जैसे छोटे वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • विसर्जन के लिए सिर्फ चार लोग ही जा सकेंगे यह चारों उसी गाड़ी में होंगे जिस गाड़ी में मूर्ति होगी।
  • किसी भी अतिरिक्त साज-सज्जा झांकी की अनुमति नहीं होगी।
  • दिन ढलने के बाद अगली सुबह तक मूर्ति विसर्जन नहीं हो सकेगा।
  • विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा तय किया गए रूट का ही इस्तेमाल करना होगा।
  • शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों से मूर्ति विसर्जन के वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी, रिंगरोड का इस्तेमाल करना होगा।

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