छत्तीसगढ

बजट सत्र का दूसरा दिन:छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराधों पर विपक्ष ने उठाये सवाल; वेल में पहुंचे भाजपा विधायक, हंगामे के बाद सत्र कल तक के लिए स्थगित

रायपुर, 23 फरवरी। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष खासकर भाजपा विधायकों ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों का मुद्दा उठाया। भाजपा विधायकों ने सदन का काम रोककर इस विषय पर चर्चा की मांग उठाई। मांग स्वीकार नहीं होने पर विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में चले गये। हंगामा देखकर विधानसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बजट सत्र के शून्यकाल में भाजपा विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। भाजपा के 15 विधायकों ने इसके लिए विधानसभा सचिवालय को सूचना दी थी। भाजपा विधायक शिवतरन शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर हमले की शुरुआत की। दोनों नेताओं ने कहा, प्रदेश में माफिया राज, हत्या और चाकूबाजी की घटनाएं बेतहासा बढ़ी हैं। महिलाओं के खिलाफ भी आपराधिक घटनाओं में तेजी देखी जा रही हैं। स्थितियां गंभीर हैं, इसलिए काम रोककर चर्चा कराया जाना चाहिए।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, छत्तीसगढ़ साइबर ठगों का पसंदिदा स्थान बन गया है। उन्होंने सरकारी संरक्षण में आपराधिक गतिविधियां संचालित होने का आरोप लगाया। भाजपा विधायकों के आक्रामक रुख को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का भी साथ मिला। जकांछ विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा, कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत बुरी है। इसपर चर्चा कराया जाना जरूरी हो गया है।

उधर, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, अपराधों को लेकर राज्य पुलिस संवेदनशील है। अपराधियों पर कार्रवाई और विवेचना में बेहतर परिणाम आये हैं। उन्होंने कहा, कानून-व्यवस्था खराब होने का आरोप ठीक नहीं है।

विपक्ष सरकार की ओर से आये जवाब से असंतुष्ट होकर नारेबाजी करने लगा। जवाब में कांग्रेस विधायक भी आक्रामक हो गये। विधायकों ने सीट से खड़े होकर विपक्ष के नेताओं और भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के दिनों में अपराध की घटनाओं का उल्लेख करना शुरू कर दिया। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को नामंजूर कर दिया। विपक्ष के विधायक चर्चा पर जोर देते रहे। उनका कहना था, इस विषय पर नेता प्रतिपक्ष को सुने बिना ही आसंदी ने फैसला दे दिया यह ठीक नहीं है। चर्चा का प्रस्ताव अस्वीकार होने के बाद आक्रोशित भाजपा विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।

सरकारी कर्ज में मुख्यमंत्री पर गुमराह करने का आरोप लगा

विधानसभा के प्रश्नकाल में भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि सरकार ने 18 दिसम्बर 2018 से 30 जनवरी 2021 तक कितना कर्ज लिया है। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, सरकार ने जनवरी 2021 तक 36170 करोड़ का कर्ज लिया है। यह रकम भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए बाजार से और नाबार्ड जैसी वित्तीय संस्थाओं से लिया गया है। शिवरतन शर्मा ने कहा, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के इसी विषय पर पूछे प्रश्न के लिखित उत्तर में कर्ज की राशि 41239 करोड़ बताई गई है। भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने कहा, अगर वे उत्तर से असंतुष्ट हैं तो संदर्भ समिति को भेज सकते हैं। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, संदर्भ समिति में भेजने का अधिकारी अध्यक्ष को है। वे भेज दें। बाद में मुख्यमंत्री ने कहा, अभी जो प्रश्न उठा है उसका जवाब लीजिए। जब नेता प्रतिपक्ष का सवाल आएगा तो उनका भी जवाब दिया जाएगा।

चार पूर्व विधायकों के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई

सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने चार पूर्व विधायकों ओमप्रकाश राठिया, डॉक्टर भानुप्रताप गुप्ता, लक्ष्मण राम और रोशनलाल के निधन की जानकारी दी। इन नेताओं का निधन शीतकालीन सत्र और बजट सत्र के बीच हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ने चारो दिवंगत नेताओं का जीवन और कृतित्व की जानकारी दी।

उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बसपा विधायक दल के नेता केशव चंद्रा, भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले, शिवरतन शर्मा ने दिवंगत नेताओं के साथ अपनी अनुभवों की स्मृति साझा की। करीब आधे घंटे तक चर्चा के बाद विधायकों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। उसके तुरंत बाद सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित हुई।

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