छत्तीसगढ

Hookah Stay : हुक्काबार पर हाईकोर्ट का स्टे, कानून लाना आवश्यक

बिलासपुर, 2 दिसंबर। प्रदेश में हुक्का बारों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। राज्य में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रशासन भी काफी सख्त हो गया था, लेकिन अब प्रशासन की कार्रवाई को हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। कहा गया है कि बिना कानून लाए इस पर रोक नहीं लगा सकते हैं।

आपको बताते चले कि, रायपुर के राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी ने एडिक्शन कैफे समेत 6 हुक्का बार संचालकों को कारोबार बंद करने के संबंध में नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को चुनौती देते हुए कैफे संचालकों ने याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच में हुई।

वकील अंकुर अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया कि राज्य शासन ने हुक्काबार पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इस पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से बार संचालकों को बिना किसी कानून के दबाव डालकर हुक्का बार को बंद कराया जा रहा है। याचिका में तर्क दिया गया है कि राज्य शासन कोटपा एक्ट में संशोधन कर हुक्काबार को प्रतिबंधित करने की बात कही है। संविधान के प्रावधान के अनुसार राज्य शासन बिना किसी कानून के इस तरह से किसी भी कारोबार को बंद नहीं करा सकती।

पहले भी हाईकोर्ट में लगी थी याचिका

रायपुर में पहले भी यह बार बंद करने का आदेश दिया गया था। अब तक इसे बंद करने का कोई कानून नहीं है। पूर्व में भी हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्र और जस्टिस पी सेम कोशी ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी राज्य शासन की ओर से हुक्का बार संचालकों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही थी।

हाईकोर्ट के आदेश का करना होगा पालन

वकील अंकुर अग्रवाल ने कहा कि आमतौर पर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना राज्य शासन की जिम्मेदारी है। हाईकोर्ट का यह आदेश याचिकाकर्ता बार संचालकों पर लागू होगा, लेकिन इस आदेश के आधार पर प्रदेश के अन्य हुक्का बार संचालक भी हाईकोर्ट से स्टे ले सकते हैं। नहीं लेने पर भी राज्य शासन को फिलहाल हुक्का बार संचालकों को राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से दर्जन भर बार संचालकों ने याचिका लगाई है।

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