रायपुर

Liquor Scam Case : चैतन्य बघेल ने गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती…! जबरदस्ती के बयान को सबूत बनाकर पेश करने का दिया हवाला…अब SC ने ED से मांगा जवाब

नई दिल्ली/रायपुर, 31 अक्टूबर। Liquor Scam Case : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने कथित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में अपनी ईडी (Enforcement Directorate) द्वारा की गई गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाला बागची की बेंच ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए ईडी से 10 दिन में जवाब मांगा है।

PMLA की धारा 50 और 63 पर सवाल

चैतन्य बघेल ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उनकी गिरफ्तारी संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और उन्होंने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की कुछ धाराओं, धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधता पर भी सवाल उठाया है।

उनका कहना है कि इन प्रावधानों के तहत ईडी को ऐसे बयान लेने का अधिकार है जो आरोपी को खुद के खिलाफ साक्ष्य देने के लिए मजबूर कर सकते हैं, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14, 20(3) और 21 का उल्लंघन होता है। याचिका में कहा गया है कि धारा 50 के तहत लिए गए बयान कई बार ज़बरदस्ती लिए जाते हैं और बाद में इन्हें आरोपी के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

मौलिक अधिकारों का हनन

चैतन्य बघेल ने अपनी स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के 17 अक्टूबर के आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को वैध ठहराया था। हाई कोर्ट ने माना था कि ईडी ने कोर्ट की अनुमति के बिना आगे की जांच की, लेकिन इसे केवल प्रोसीजरल इररेगुलैरिटी यानी प्रक्रियागत त्रुटि बताया था, इस आधार पर राहत देने से इनकार किया गया था।

बघेल ने तर्क दिया है कि यह ‘प्रक्रियात्मक गलती’ नहीं बल्कि पूरी प्रक्रिया को अवैध ठहराने वाला गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि 18 जुलाई को उनकी गिरफ्तारी, केवल सह-आरोपियों के ज़बरदस्ती लिए गए बयानों के आधार पर की गई थी, जबकि कई अन्य आरोपियों पर अधिक गंभीर आरोप होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

इस बीच, रायपुर की एक स्पेशल PMLA कोर्ट (Liquor Scam Case) ने इसी सप्ताह चैतन्य बघेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, यह कहते हुए कि जांच अभी अहम चरण में है।

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