LIVE: मन की बात में बोले PM मोदी, आज का युवा कुछ नया करना चाहता है
नई दिल्ली, 29 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। यह मन की बात कार्यक्रम का 80वां संस्करण है। इस दौरान पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन खेल को समर्पित था। देश को कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हाकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में चार दशक के बाद पदक मिला।
Mann Ki Baat Live Updates
– आज का युवा बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नए रास्ते बनाना चाहता है। अनजानी जगह पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नयी, लक्ष्य भी नए, राह भी नयी और चाह भी नयी। भारत का युवा एक बार मन में ठान लेता हैं, तो उसे पूरा करने के लिए जी-जान से जुट जाता है। दिन-रात मेहनत कर रहा है : पीएम मोदी
– साथियो, जब खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। युवा का मन बदल चुका है: पीएम मोदी
मन की बात कार्यक्रम को आकाशवाणी, दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क और मोबाइल एप पर भी प्रसारित किया जाएगा। इसके अलवा इसे आज प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के यूट्यूब चैनलों पर भी देख सकते हैं। प्रधानमंत्री हर महीने के अंतिम रविवार को मन की बात कार्यक्रम में ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार लोगों के साथ साझा करते हैं।
इससे पहले पीएम मोदी ने देशवासियों से अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के लिए सुझाव मांगे थे। बुधवार को अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस महीने के मन की बात कार्यक्रम में आप की किस तरह के विषयों में रुचि है। इन विषयों को आप माई गोव या नमो एप पर साझा कर सकते हैं। आप फोन नंबर 1800117800 पर अपना संदेश रिकार्ड करके भी भेज सकते हैं।
मन की बात कार्यक्रम के 79वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़ने के लिए ‘राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम’ का मंत्र देकर लोगों से एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देने की अपील की थी।उन्होंने देश के विकास के लिए आजादी की लड़ाई के समय जैसी एकजुटता की जरूरत पर बल दिया। उनका संदेश साफ है कि विकास की गति को तेज करने के लिए हमें अपने छोटे-छोटे मतभेदों को छोड़ना होगा और साथ मिलकर काम करना होगा। देश में एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने के प्रयासों को उन्होंने आंदोलन के रूप में चलाने की जरूरत बताई।