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Media Conference: एक छत के नीचे जमा हुए 1700 मीडियाकर्मी, बांटे अपना अनुभव

आबू रोड/राजस्थान , 02 सितंबर। Media Conference: राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 29 अगस्त से 2 सितंबर 2022 तक “समाधानपरक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर” विषयक पांच दिवसीय 26वां राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन शांतिवन, आबूरोड में आयोजित किया गया। इस महासम्मेलन में भारत और नेपाल से आये 1700 से अधिक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल मीडिया प्रोफेशनल्स, मीडिया कंसल्टेंट्स, पब्लिक रिलेशन प्रैक्टिशनर्स तथा  मीडिया शिक्षाविदों ने भाग लिया।

इस महासम्मेलन (Media Conference:) में मीडिया से संबंधित अनेक मुद्दों पर सात खुले सत्रों के माध्यम से विचार विमर्श किया गया। एक अंतर्दृष्टि सत्र और पांच राजयोग व्याख्यान-सह-ध्यान सत्रों के पश्चात् भारत और नेपाल के प्रमुख मीडियाकर्मियों, प्रतिभागियों और विद्वान वक्ताओं द्वारा निम्नलिखित संकल्प एवं कार्ययोजनाओं पर विचार विमर्श हुआ।

1. मीडिया को सकारात्मकता पर ध्यान देना चाहिए। प्रायः यह देखा गया है कि अधिकांश लोग नकारात्मक समाचारों के प्रकाशन एवं प्रसारण से आनंदित होते हैं, जो समाज के हित में कतई नहीं है। मानव भावना को सकारात्मक दिशा की ओर उत्प्रेरित करने वाले प्रेरक समाचार देश को समृद्धि की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

2. दुनिया में हर समस्या का समाधान अवश्य है। पत्रकार जगत में जनसंपर्क, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते लोगो के लोकतांत्रिक अधिकारों और सामाजिक समस्याओं को उजागर करना पत्रकारों का दायित्व है। मीडिया को जिम्मेदारी लेने, समाज के मुद्दों के ठोस समाधान तलाशने, सुझाव देने व उसके हल के लिए लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिये!

3. भारत को विश्वगुरु की भूमिका की ओर ले जाने के लिए हम सबको स्वर्णिम युग के संस्कारों को आत्मसात करने की जिम्मेदारी लेनी होगी। हममें से प्रत्येक को सकारात्मक सोच और सार्वभौमिक भाईचारे की संस्कृति को विकसित करना होगा।

4. मीडिया में उच्च संचार शक्ति होती है। यहां तक ​​​​कि एक साधारण संचार क्रिया भी लाखों लोगों की मानसिक स्थिति को बढ़ा या घटा सकती है, इसलिए मीडिया को यह संकल्प लेने की जरूरत है कि वह समाज को लाभ पहुंचाने के लिए अपने संचार माध्यमों से केवल सकारात्मक ऊर्जा ही प्रदान करें।

5. निहित स्वार्थवश किसी व्यक्ति अथवा संगठन के हितों को पूरा करने के वजाय मीडिया को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि किसी भी कीमत पर सामान्य व्यक्ति की अस्मिता को दांव पर न लगाया जाए।

6. मीडिया सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने और उसे बरकरार रखने में अधिक सजगता बरते।

7. मीडिया में टेक्नोलॉजी के बढ़ते अनावश्यक प्रभाव, उचित नीतियों के अभाव और विचार-विनिमय की कमी के परिणामस्वरूप आमजन में भ्रम पैदा होता है, अतः महासम्मेलन में केंद्र सरकार से अपील की गयी कि सबके परामर्श से एक विशेष समावेशी मीडिया नीति बनाई जाये।

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