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GST Council Meeting : राज्यों को 5 साल का पूरा जीएसटी मुआवजा हुआ जारी…जानें GST काउंसिल की बैठक के अन्य फैसले

बुल्गेरिया, 18 फरवरी। GST Council Meeting : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक आज नई दिल्ली में पूरी हुई और इस जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अपीलेट ट्रिब्यूनल के गठन के अलावा पान मसाला और गुटखा पर लगने वाले GST के ऊपर भी विचार-विमर्श हुआ। जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के साथ वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, राज्यों के वित्त मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुए बड़े एलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक के बाद प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यों का बकाया 5 साल का पूरा जीएसटी मुआवजा या जीएसटी क्षतिपूर्ति रकम जारी की जा रही है। इसके तहत 16982 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। जीएसटी काउंसिल की बैठक में इनके ऊपर फैसला हो गया है। दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक समेत कई राज्यों के जीएसटी मुआवजा को लेकर भी जानकारी दी गई। वित्त मंत्री ने साफ किया कि राज्यों के लिए इस रकम को जारी करने के बाद केंद्र सरकार पूरे पांच साल के लिए निर्धारित जीएसटी कंपनसेशन सेस को जारी कर देगी। इसको जीएसटी (राज्यों को कंपनसेशन), एक्ट 2017 के तहत तय किया गया था।

इन वस्तुओं पर घटा जीएसटी रेट

वित्त मंत्री ने (GST Council Meeting) जानकारी दी कि पेंसिल शार्पनर पर जीएसटी का रेट 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया जा रहा है। इस तरह अब आम जनता के लिए पेंसिल शार्पनर्स खरीदना सस्ता हो जाएगा।

इसके अलावा लिक्विड गुड़ या तरल गुड़ (राब) पर भी जीएसटी रेट को घटाकर शून्य किया जा रहा है जो कि पहले 18 फीसदी था। अगर ये खुला बेचा जाता है तो इस पर शून्य फीसदी जीएसटी लगेगा जो कि पहले 18 फीसदी था। अगर ये लिक्विड गुड़ पैकैज्ड या लेबल्ड तरीके से बेचा जाता है तो इस पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। इस तरह तरल गुड़ की खुदरा बिक्री पर जीएसटी खत्म कर दिया गया है।

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने एलान किया कि ड्यूरेबल कंटेनर पर लगे टैग्स ट्रैकिंग डिवाइसेज और इनके अलावा डेटा लॉगर्स पर भी जीएसटी घटाया गया है। इसे 18 फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया गया है, हालांकि इसमें कुछ शर्तों का लागू होना आवश्यक है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक के अन्य फैसले जानें

पान मसाला और गुटखे पर जीओएम पर सिफारिशें मंजूर की गई हैं। पान मसाला और गुटखा पर कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन लागू होगा यानी उत्पादन के हिसाब से इन पर जीएसटी लगाया जाएगा। कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन और सख्त अनुपालन लागू करने का फैसला लिया गया है।जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल पर मंत्रियों के समूह (GoM) की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया गया है।

राज्यों के आग्रह पर ड्राफ्ट की भाषा में बदलाव किए जाने की मांग भी मंजूर कर ली गई है।जीएसटी फाइल करने में एनुअल रिटर्न पर लेट फीस को तर्कसंगत बनाने का फैसला हुआ है।

मोटे अनाज के बारे में ये फैसला हुआ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (GST Council) ने जानकारी दी कि मोटे अनाज यानी मिलेट्स के बारे में इस बार की जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला नहीं हुआ है और अगली जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर विचार किया जाएगा।

दो जीओएम की रिपोर्ट मान ली गई है- वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि मंत्रियों के दो समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) की रिपोर्ट्स को मान लिया गया है। इनको इस तथ्य के साथ माना गया है कि इसमें आगे मामूली संशोधन किए जा सकते हैं। इनसे जुड़े संबंधित बिलों की भाषा में मामूली बदलाव किए जाने की संभावना को भी माना गया है।

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