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MP Project Cheetah : प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे कूनो, कुछ देर में चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे

ग्वालियर, 17 सितंबर। MP Project Cheetah : भारत में चीतों का इंतजार खत्म हो चुका है। करीब 11 घंटे का सफर करने के बाद चीते भारत पहुंच चुके हैं। पांच मादा और तीन नर चीतों को लेकर विमान ने नामीबिया की राजधानी होसिया से उड़ान भरी। मॉडिफाइड बोइंग 747 विमान से लाए गए इन चीतों में रेडियो कॉलर लगे हुए हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनमें से तीन चीतों को कूनो में बनाए गए विशेष बाड़ों में छोड़ देंगे। 

दो नर चीतों की उम्र साढ़े पांच साल है। दोनों भाई हैं। पांच मादा चीतों में एक दो साल, एक ढाई साल, एक तीन से चार साल तो दो पांच-पांच साल की हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी भी कूनो नेशनल पार्क पहुंचे

प्रधानमंत्री मोदी भी कूनो नेशनल पार्क (MP Project Cheetah) पहुंच गए हैं। सुबह 10.30 बजे वे मोदी कूनो पहुंचे। सुबह 10 बजे चिनूक हेलीकॉप्टर से चीतों को यहां लाया गया। प्रधानमंत्री अब से कुछ ही देर में तीन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में बनाए गए विशेष बाड़े में चीतों को छोड़ेंगे। ग्वालियर एयरबेस से विशेष चिनूक हेलीकॉप्टर से चीतों को कूनो पहुंचाया गया है। चीते कूनो पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ग्वालियर पहुंच चुके हैं। यहां 5 मिनट रुक कर PM सेना के हेलीकॉप्टर से कूनो अभयारण्य के लिए रवाना होंगे। PM मोदी का स्वागत करने के लिए सीएम शिवराज सिंह, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद हैं।

स्वास्थ्य परीक्षण के बाद चीताें काे चिनूक हेलीकॉप्टर से कूनाे अभयारण्य के लिए रवाना कर दिया गया है। सभी चीते पूरी तरह फिट मिले हैं। ग्वालियर एयरबेस पर चीतों के साथ आए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर लाेरी मारकर सहित पूरे दल से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुलाकात की। बता दें कि पांच मादा और तीन नर चीतों को लेकर विमान ने नामीबिया से उड़ान भरी थी। नामीबिया से भारत लाने के लिए विमान में विशेष माप वाले पिंजरे बनाए गए थे। करीब 11 घंटे की यात्रा करके ये चीते शनिवार सुबह ग्वालियर में उतरे। ग्वालियर से इन्हें विशेष चिनूक हेलीकॉप्टर से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाने की कवायद की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुए, जहां दो बड़े कार्यक्रम होंगे। एक ऐतिहासिक अवसर पर आज सुबह नामीबिया से आए 8 चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा। पीएम श्योपुर में स्वयं सहायता समूहों के एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। ग्वालियर एयरबेस पहुंचने के बाद वे कूनो अभायरण्य के लिए रवाना हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी कुछ देर बाद यानी 9:40 बजे एयरवेज पर आएंगे और 9:45 पर कूनो अभायरण्य के लिए रवाना हो जाएंगे।  जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ उनकी अगवानी करने के लिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी पहुंच गए हैं।

ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए बहुत बड़ी सौगात दी जा रही है। विश्व में पहली बार चीतों का विस्थापन हो रहा है। देश की धरती पर ऐसे आविष्कार किए जा रहे हैं जो  विश्व में कही नहीं रहा और ऐसा ही उदाहरण कूनो पालपुर है। कल से पूरे देश भर में चीतों की दहाड़ इस ग्वालियर चंबल अंचल से निकलेगी। यूरोप और एशिया में कोई और जगह नहीं है जहां चीतों की स्थापना हुई है केवल भारत में मध्य प्रदेश के अंदर कूनो में स्थापना होगी। 

मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर के जंगल, नामीबिया से लाए गए चीतों के स्वागत के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री जी द्वारा अपने जन्मदिन पर छोड़े जा रहे ये चीते, मध्य प्रदेश के लिए उपहार हैं जो यहां के वन्यजीवन को और समृद्ध करेंगे तथा पर्यटन और समृद्धि के नए द्वार खोलेंगे। केंद्रीय मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने कहा-एक नई गूंज, एक नई दहाड़, एक नई गरज कूनाे पालपुर से हमें सुनाई देगी, इस बार चीताें की, देश में ये एक अनाेखा क्षेत्र हाेगा, अनाेखा स्थान हाेगा।

कूनो नेशनल पार्क में आवाजाही तेज हो गई है। टिकटोली गेट से 18 किलोमीटर अंदर प्रोग्राम होगा। फ्लाइट लेट होने की वजह से यहां ग्वालियर से 10 बजे के बाद चीतों के आने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वन मंत्री विजय शाह कूनो पहुंच चुके हैं।

मुख्य़मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन पर मध्यप्रदेश को इससे बड़ी सौगात हो नहीं मिल सकती कि चीते नामीबिया से भारत, भारत में भी मध्यप्रदेश, मध्यप्रदेश में भी कूनो पालपुर आ रहे हैं। भारत में चीते समाप्त हो गए थे। चीता पुनर्स्थापना का ऐतिहासिक काम हो रहा है। इस सदी की वाइल्डलाइफ की सबसे बड़ी घटना है। इससे मध्य प्रदेश में, बल्कि उस अंचल में टूरिज्म बहुत तेजी से बढ़ेगा। उस क्षेत्र के लिए तो चीता वरदान हो गया। 

यह है प्रधानमंत्री का मिनट टू मिनट कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ग्वालियर एयरबेस पर 9:40 पर पहुंचेंगे और 9:45 पर पीएम मोदी सेना के हेलीकॉप्टर से कूनो अभयारण्य के लिए रवाना होंगे। इसको लेकर महाराष्ट्र एयरवेज पर हाई सिक्योरिट का इंतजाम किया गया है। एसपीजी सहित तमाम पुलिस फोर्स मौजूद रहेगा। प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन पर कूनो में चीतों को छोड़ेंगे।

  • 9:40 पर सुबह विशेष विमान से ग्वालियर आगमन होगा।
  • 9:45 बजे हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क के लिए रवाना होंगे।
  • 10:45 से 11:15 बजे चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे।
  • 11:30 बजे हेलीकॉप्टर से करहाल रवाना होंगे।
  • 11:50 बजे करहाल पहुंचेंगे।
  • 12:00 से 1:00 बजे तक महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में शामिल होंगे।
  • 1:15 बजे तक करहाल से हेलीकॉप्टर से ग्वालियर रवाना होंगे।
  • 2:15 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
  • 2:20 बजे दोपहर को ग्वालियर से रवाना होंगे।

1948 में आखिरी बार देखा गया था चीता 

भारत में आखिरी बार चीता 1948 में देखा गया था। इसी वर्ष कोरिया राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद भारत में चीतों को नहीं देखा गया। इसके बाद 1952 में भारत में चीता प्रजाति की भारत में समाप्ति मानी गई। कूनो नेशनल पार्क में चीते को बसाने के लिए 25 गांवों के ग्रामीणों और 5 तेंदुए को अपना ‘घर’ छोड़ना पड़ा है. इन 25 में से 24  गांव के ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाया जा चुका है। 

1970 में एशियन चीते लाने की हुई कोशिश

भारत सरकार ने 1970 में एशियन चीतों को ईरान से लाने का प्रयास किया गया था। इसके लिए ईरान की सरकार से बातचीत भी की गई, लेकिन यह पहल सफल नहीं हो सकी। केंद्र सरकार की वर्तमान योजना के अनुसार पांच साल में 50 चीते लाए जाएंगे। 

नामीबिया से चीतों को लेकर आ रही स्पेशल फ्लाइट लेट ग्वालियर पहुंच चुकी है। पहले इसके पहुंचने का समय सुबह 6 बजे माना जा रहा था, पर कुछ देरी से 7 बजकर 55 मिनट पर पहुंचा। 

24 घंटे की जाएगी चीतों की निगरानी 

वन विभाग के अधिकारी ने बताया (MP Project Cheetah) कि बाड़े आसपास मचान बनाए गए हैं। यहां पर रोस्टर के हिसाब से ड्यूटी लगाई जाएगी। जो 24 घंटे चीतों की मॉनीटरिंग करेंगे। इसमें फारेस्ट गार्डन, रेंज अफसर, वेटनरी डॉक्टर की अलग-अलग ड्यूटी है। वेटनरी डॉक्टर उसकी हेल्थ को देखेगा। चीतों नॉर्मल खाना-खा रहा है या नहीं। उनकी डेली रूटिन को बीट गार्ड देखते रहेंगे। चौहान ने बताया कि शिकारियों से बचाने के लिए 8-10 वर्ग किमी पर एक पेट्रोलिंग कैम्प है। जिसमें गार्ड और उनके सहायक रहते हैं। इसके अलावा एक्स आर्मी के जवानों को भी लिया हुआ है। ताकि अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।

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