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Puja Ghar : पूजा घर में भूलकर भी न करें ये 7 काम…वरना हो सकता है दुर्भाग्य का सामना

रायपुर, 11 सितंबर। Puja Ghar : भारतीय संस्कृति में पूजा घर को घर का सबसे पवित्र स्थान माना गया है। यही वह स्थान होता है जहाँ लोग ईश्वर का स्मरण, ध्यान और प्रार्थना करते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में की गई कुछ गलतियाँ न सिर्फ पूजा-पाठ की पवित्रता को भंग करती हैं, बल्कि दुर्भाग्य या नकारात्मक ऊर्जा का कारण भी बन सकती हैं। आइए जानते हैं वे कौन-से काम हैं, जो पूजा घर में भूलकर भी नहीं करने चाहिए।

पूजा घर में जूते-चप्पल पहनकर जाना

पूजा स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए वहां जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश करना वर्जित माना गया है। यह न केवल अशुद्धता फैलाता है, बल्कि ईश-अपमान भी माना जाता है।

टूटी-फूटी या खंडित मूर्तियाँ न रखें

पूजा घर में यदि किसी देवता की मूर्ति खंडित या टूटी हुई हो जाती है, तो उसे तुरंत ससम्मान हटा देना चाहिए। खंडित मूर्तियाँ नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और शुभ फल नहीं देतीं।

पूजा घर में सोना या बैठकर खाना

पूजा स्थल में नींद लेना, आराम करना या भोजन करना अशुद्ध माना जाता है। यह स्थान केवल ध्यान, भक्ति और साधना के लिए होता है।

अग्नि जलाकर unattended छोड़ना

अगर पूजा में दीपक या धूप जलाई गई है, तो उसे बिना देखे छोड़ना खतरनाक हो सकता है। यह सुरक्षा की दृष्टि से भी गलत है और धार्मिक रूप से भी।

पूजा घर में झाड़ू, पोंछा या गंदे कपड़े रखना

पूजा घर में कभी भी झाड़ू, बाल्टी, गंदे कपड़े या कचरा नहीं रखना चाहिए। इससे वहां की शुद्धता भंग होती है और देवता की कृपा कम हो सकती है।

पूजा घर को स्टोररूम न बनाएं

कई घरों में लोग पूजा स्थान के साथ दवा, बिल, गहने या अन्य वस्तुएं रख देते हैं। ऐसा करना पूजा स्थल की गरिमा को कम करता है और वहां की ऊर्जा असंतुलित हो सकती है।

गलत दिशा में न बनाएं पूजा घर

शास्त्रों के अनुसार, पूजा घर पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। गलत दिशा जैसे दक्षिण या शौचालय से सटी दीवार के पास पूजा स्थान रखने से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।

ध्यान रखने योग्य अन्य बातें

  • पूजा घर हमेशा साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित रखें।
  • मौन, एकाग्रता और शांति से पूजा करें।
  • पुराने फूल, माला या पूजा सामग्री समय पर हटा दें।
  • शराब, मांसाहार या अशुद्ध वस्तुएं पूजा घर से दूर रखें।

पूजा घर सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र होता है। इसकी शुद्धता और गरिमा बनाए रखना हमारा कर्तव्य है, ताकि ईश्वर की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा हमेशा घर में बनी रहे।

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