छत्तीसगढ

Rajim Maghi Punni Mela : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने किया शुभारंभ

रायपुर, 17 फरवरी। Rajim Maghi Punni Mela : छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के नाम से सुशोभित राजिम में 15 दिनों तक चलने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला का विधिवत शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कल रात भगवान राजीवलोचन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर और पूजा अर्चना कर किया। डॉ. महंत महानदी आरती में भी शामिल हुए।

इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, वाणिज्यिक कर एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा, विधायक धनेंद्र साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, रायपुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन सुभाष धुप्पड़ सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद थे।

दीप प्रज्जवलित कर और पूजा अर्चना

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने राजिम मेला को पुरातन संस्कृति के अनुरूप पुन्नी मेला के रूप में स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को बधाई दी। डॉ महंत ने कहा कि राज्य के लोगो के आपसी प्रेम और सद्भाव, एकता और भाई-चारे के साथ हम सब मिलकर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि राजिम माघी पुन्नी मेला हमें आपसी प्यार और सद्भाव का संदेश देता है। इस तीर्थ स्थान में साधु, संत महात्मा के सतसंग और उनके द्वारा दी गई सीख और आशीर्वाद को ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ में हर चीज बेहतर हो इसके लिए मिलकर नवा छत्तीसगढ गढ़ना है। उन्होंने कल हुई दुर्घटना में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

राजिम माघी पुन्नी मेले का लौटा पुरातन गौरवशाली स्वरूप

इस अवसर पर धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मेला का स्वरूप (Rajim Maghi Punni Mela) पहले बदल गया था, जिसे पुनः स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आते ही पहला विधेयक राजिम माघी पुन्नी मेला का लाया था और गजेटियर के अनुसार इसे पुन्नी मेला का नाम दिया गया। मेला का स्वरूप सुंदर हो, यहां के इतिहास, संस्कृति, रहन सहन का समावेश करने का प्रयास किया जा रहा है। सबके सहयोग से पुन्नी मेला के आयोजन का यह चौथा वर्ष है। राज्य के विकास का आधार हमारी संस्कृति है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि राज्य की पुरातन संस्कृति का संरक्षण किया जाए।

दीप प्रज्जवलित कर और पूजा अर्चना

15 दिनों के लिए शराब पर प्रतिबंध

उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि राजिम धर्मस्थल है, यहां 15 दिन शराब बंदी रहेगी। यह देश का पहला राज्य है जहां गोबर खरीदी की जा रही है। राज्य सरकार समर्थन मूल्य और इनपुट सबसिडी मिलाकर धान के लिए किसानों को प्रति क्विंटल 25 सौ रुपए दे रही है। बस्तर के आदिवासियों के पूज्य देवगुड़ी के विकास के लिए 5 लाख रुपए और घोटुल के विकास के लिए 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख अपने सम्बोधन के दौरान किया।

अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने राजिम माघी पुन्नी मेला की संस्कृति को पुनः स्थापित करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि मेले के प्राचीन स्वरूप को फिर से स्थापित करने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि राजिम सदियों से महान पवित्र भूमि है।

राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा की यहां आसपास के हजारों लोग इस पवित्र भूमि में दर्शन करने आते हैं और पुण्य लाभ कमाते हैं। यह मेला आस्था और भक्ति का संगम है। उन्होंने यहां की ऐतिहासिकता की जानकारी दी। उन्होंने मंच से CM भूपेश बघेल को राजिम क्षेत्र में मेला के दौरान 15 दिनों के लिए शराब बंदी करने के लिए आभार प्रकट किया।

कलेक्टर नम्रता गांधी ने राजिम माघी पुन्नी मेला (Rajim Maghi Punni Mela) के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया की लेजर शो और सरस मेला यहां का प्रमुख आकर्षण है। यहां श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।

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