छत्तीसगढराज्य

Review of Revenue Dep. : CM बोले- अविवादित मामलों को शीघ्रता से हल करें

रायपुर, 26 अप्रैल। Review of Revenue Dep. : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के लंबित राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए हैं।

सीमांकन संबंधी मामलों का 31 मई तक निपटारा

CM ने कहा कि जमीन के सीमांकन संबंधित प्रकरणों का 31 मई तक निपटारा करें, साथ ही भू-अभिलेखों के दुरूस्तीकरण संबंधित प्रकरणों का विशेष रूप से अभियान चला कर दो माह में निराकृत करें। इसमें नक्शा बटांकन, अभिलेख दुरूस्तीकरण जैसे लंबित प्रकरण शामिल हैं। उन्होंने पटवारियों की मुख्यालय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने और तहसीलों में रिक्त पदों की भर्ती जल्द करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक (Review of Revenue Dep.) में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, राजस्व सचिव एन.एन. एक्का, संचालक भू-अभिलेख धर्मेश साहू, मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया, संचालक जनसम्पर्क सौमिल रंजन चौबे उपस्थित थे।

राजस्व विभाग की विभिन्न योजनाओं की दी जानकारी

समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण तथा राजस्व विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। CM बघेल ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना देश में अपने आप में एक अनूठी योजना है, जिसमें भूमिहीन श्रमिकों को सलाना 7000 रूपए की सहायता प्रदान की जा रही है। जिन हितग्राहियों को राशि दी जा रही है उन्हें राशि मिलने से पूर्व ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना दी जाए तथा हर किस्त के भुगतान के समय लिखित सूचना दी जाए।

CM ने अविवादित नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, व्यपर्वतन के प्रकरणों के समय सीमा में निराकरण हेतु कलेक्टरों को पत्र लिखने के निर्देश राजस्व सचिव को दिए। मुख्यमंत्री ने नजूल और स्लम पट्टों में हितग्राहियों को भू-स्वामी अधिकार प्रदान करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भी कलेक्टरों को पत्र भेजा जाए।

आयुक्तों द्वारा की गई इस पहल हुई सराहना

बैठक में जानकारी दी गई कि कमिश्नर ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर ग्रामीणों से सीधे मुलाकात कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति के संबंध में जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए कमिश्नरों द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि 7500 वर्गफुट तक की भूमि के आबंटन, व्यवस्थापन, फ्रीहोल्ड करने तथा भू-भाटक प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा कमिश्नरों द्वारा जिला प्रवास के दौरान की जाए और इसका प्रतिवेदन राज्य शासन के भेजा जाए। इसी तरह उन्होंने ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में आबादी पट्टों के वितरण की जानकारी अद्यतन करने और कलेक्टरों से जिले में नारंगी भूमि की अद्यतन जानकारी मंगाने के निर्देश दिए।

सरलीकरण वृक्ष कटाई की मिली जानकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील कार्यालयों में मूलभूत सुविधा मुहैया कराएं और कर्मचारियों, हितग्राहियों की बैठने की अच्छी व्यवस्था करें। वृक्ष कटाई के प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भू-स्वामियों की जमीन पर स्थित वृक्ष कटाई के नियमों का सरलीकरण किया गया है। जिसके अनुसार स्वयं की भूमि पर रोपित किए गए वृक्षों की कटाई के लिए भू-स्वामी को निर्धारित प्रपत्र में एसडीएम को सूचना देनी होगी।

यदि वृक्ष प्राकृतिक रूप से उगे हैं तो ऐसे वृक्ष की कटाई के लिए भू-स्वामी को एसडीएम से लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी। अनुमति देने के लिए समय सीमा का निर्धारण भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने नियमों में किए गए इन संशोधनों का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश (Review of Revenue Dep.) दिए ताकि जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके।

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