छत्तीसगढ

RTO Rules Update: एक अप्रैल से 15 साल पुराने सरकारी वाहनों का नहीं होगा फिटनेस, इन गाड़ियों को मिली छूट

रायपुर, 14 मार्च। RTO Rules Update : छत्‍तीसगढ़ में अब 15 वर्ष से ज्यादा पुराने सरकारी कमर्शियल वाहनों का एक अप्रैल से फिटनेस नहीं होगा। इसके साथ ही उनका पंजीयन और परमिट भी निरस्त कर दिया जाएगा। आरटीओ कार्यालय में जांच कराने के लिए आने पर ऐसे वाहनों के मालिकों को सड़कों पर इन्हें नहीं चलाने की हिदायत देने के साथ उन्हें स्क्रैप कराने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके सड़क पर वाहन चलते हुए पकड़े जाने पर चालानी कार्रवाई के साथ जब्ती की जाएगी।

बख्तरबंद और विशेष वाहन को मिली छूट

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी नए मोटरयान अधिनियम को देखते हुए छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ को इसके निर्देश दिए गए हैं। उन्हें फिटनेस जांच कराने के लिए आने वाले 15 वर्ष पुराने वाहनों के दस्तावेजों की जांच करने के लिए अभियान चलाने को कहा है। एक अप्रैल के बाद 15 वर्ष पुराने वाहनों के परमिट और रजिस्ट्रेशन को स्वमेव ही निरस्त माना जाएगा। बिना अनुमति ऐसे वाहन को चलाने वालों को पकड़ने अभियान चलाया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की थी। इसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद के हस्ताक्षर से आदेश जारी किए गए हैं। यह आदेश परिवहन विभाग को मिल चुका है।

इन पर लागू होगा आदेश

केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत सभी केंद्रीय कार्यालय, राज्य के सभी शासकीय विभाग, नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत, सड़क परिवहन निगम के अधीन राज्य परिवहन उपक्रम या किसी सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा के स्वामित्व या नियंत्रणाधीन स्वायत्त निकाय के वाहनों पर यह नियम लागू होगा। 15 वर्ष पुराने हो चुके ऐसे वाहनों को नीलाम में खरीदी करने पर इनका दोबारा पंजीयन भी नहीं किया जाएगा। इन वाहनों को स्क्रैप कराना पड़ेगा। नए मोटरयान अधिनियम के तहत देश की रक्षा और आंतरिक कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले बख्तरबंद और विशेष वाहन को छूट दी गई है।

यह है नियम

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नया मालवाहक, यात्री बस और अन्य कमर्शियल वाहनों की खरीदी करने पर प्रथम दो वर्ष फिटनेस की छूट मिलती है। इसके बाद छह वर्ष तक एक-एक साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। उसके बाद वाहन की स्थिति को देखते हुए संबंधित जिला आरटीओ द्वारा फिटनेस प्रमाण-पत्र दिया जाता है। इसकी अधिकतम सीमा 15 वर्ष तक के लिए निर्धारित की गई है। इस अवधि के बाद वाहनों को कंडम मान लिया जाता है। वहीं किसी भी तरह की अनहोनी को देखते हुए इसे सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं होती है। 15 वर्ष पुराने निजी वाहनों को खरीदने पर उन्हें फिटनेस जांच करानी पड़ेगी। इस दौरान वाहन के फिट होने पर तीन से पांच वर्ष के लिए दोबारा पंजीयन किया जाएगा।

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ साहू ने कहा, नए मोटरयान अधिनियम का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। नए अधिनियम में 15 वर्ष से ज्यादा पुराने सरकारी वाहनों के पंजीयन पर प्रतिबंध लगाया गया है। एक अप्रैल से ऐसे वाहनों को सड़क पर वाहन चलते हुए पाए जाने पर जब्त करने के साथ ही चालानी कार्रवाई की जाएगी।

फैक्ट फाइल

– 6,00000 कुल मालवाहक वाहन

– 2,50,000 बिना फिटनेस दौड़ रहे वाहन।

– 1,800 पंद्रह वर्ष पुराने कमर्शियल वाहन।

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