छत्तीसगढ

अपनों से दूर लोगों के दर्द बांट रहे काउंसिलर्स, कोरेंटाइन सेंटर्स के श्रमिकों एवं अन्य को मिल रहा परामर्श

-गर्भवती और किशोरी स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान, दे रहे पौष्टिक आहार
कोरबा। कोरोना वायरस संक्रमण के संचरण की संभावना को रोकने के लिए बाहर से आए ( दूसरे राज्यों से आए) हुए लोगों को ऐसे समय में क्वारेंटाइन सेंटर में रखने की सलाह दी जा रही है। क्वारेंटाइन हुए लोगों में ऐसे वक्त मानसिक तनाव एवं अन्य तरह की समस्याएं देखने को मिल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग. कोरबा द्वारा शासन के निर्देशानुसार क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वालों की सभी समस्याओं का निराकरण काउंसिलर्स (परामर्शदाता) की मदद से किया जा रहा है। इतना ही नहीं शिशुवती माताओं, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखी जा रही है। वहीं काउंसिलिंग के माध्यम से उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया जा रहा है।
सीएमएचओ कोरबा डॉ. बी.बी. बोर्डे ने बताया शासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग जिले के सभी क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों एवं अन्य लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रही है। कोरोनावायरस के अलावा सेंटर में रह रहे लोगों की इस दौरान स्वास्थ्यगत सभी तरह की समस्याओं का निराकरण चिकित्सकीय परामर्श देकर किया जा रहा है। घर और परिवार वालों से दूर कई लोग क्वारेंटाइन सेंटर में हैं , मानसिक तनाव एवं अन्य समस्याओं से गुजर रहे लोगों को विशेष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। ऐसे लोग जिन्हें काउंसिलिंग की आवश्यकता थी उनके लिए सेंटरों में विशेष परामर्शदाता की नियुक्ति कर उनकी काउंसिलिंग की जा रही है।
यह दे रहे विशेष सेवाएं- विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटरों में क्लीनिकल फिजियोलॉजिस्ट स्पर्श क्लीनिक संजय तिवारी, आईसीटीसी एवं किशोर स्वास्थ्य केन्द्र परामर्शदाता वीणा मिस्त्री, आरएमसीएच एवं परामर्शदाता नीलू चौधरी, फिजियोलॉजिकल सोशल वर्कर स्पर्श क्लीनिक ताराचंद श्रीवास एवं एनसीडी परामर्शदाता संजय मानिकपुरी आदि लोगों की विभिन्न तरह की स्वास्थ्यगत एवं मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। यह सभी परामर्शदाता क्वारेंटाइन सेंटर में भी जा रहे हैं और जिला अस्पताल में भी पहुंचने वाले लोगों की नियमित काउंसिलिंग कर रहे हैं।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान- परामर्शदाताओं ने बताया बाहर से आने वाले ज्यादातर लोग घर से दूर हैं इस वजह से तनावग्रस्त हैं। कई लोग कोरोना की वजह से कोरेंटाइन सेंटर में रखे जाने से परेशान हैं। ऐसे लोगों की बातों को सुनना और उन्हें ढाढ़स बंधाना भी जरूरी होता है। काउंसिलिंग के दौरान यह रमजान में अलग व्यवस्था, उच्च रक्तचाप ,मधुमेह वाले रोगियों को सेहत की चिंता तथा गर्भवती महिलाओं की विशेष व्यवस्था की जरूरत महसूस हुई। प्रशासन से इस संबंध में चर्चा कर लोगों को सारी अलग व्यवस्था प्रदान की जा रही है।
मासिकधर्म स्वच्छता की सीख- परामर्शदाता वीणा मिस्त्री के मुताबिक सेंटर में कुछ गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार की जरूरत महसूस हुई तो उन्हें विशेष आहार का प्रबंध किया जा रहा है। काउंसिलिंग करते वक्त कुछ महिलाएं व किशोरियों ने मासिकधर्म स्वच्छता की चिंता जाहिर की। वहीं कुछ महिलाओं मासिकधर्म स्वच्छता के बारे में बताते हुए उन्हें सैनेटरी पै़ड्स उपयोग करने की सलाह दी गई। महिलाओं को सैनेटरी पै़ड्स का प्रबंध भी किया जा रहा है। (फाइल फोटो)

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