Thalaivii box office collection day 1: धीमी रही थलाइवी की शुरुआत, पहले दिन कमाए सिर्फ इतने करोड़
नई दिल्ली, 12 सितंबर। कंगना रनोट स्टारर ‘थलाइवी’ इसी शुक्रवार को रिलीज हुई। यह फिल्म दिवंगत भारतीय अभिनेत्री से राजनेता बनीं जे जयललिता, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री के जीवन पर आधारित एक फ़िल्म है।
फिल्म की कमाई को लेकर पहले कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पर अब इसकी पहले दिन की टोटल अर्निंग का डाटा सामने आया है जिसे देखकर ये कहा जा सकता है कि कगंना इससे खुश नहीं होंगी।
तमिलनाडु में मिला सबसे अच्छा बिजनेस
बॉक्स ऑफिस इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, थलाइवी ने पूरे भारत में 1.25 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया। फिल्म ने हिंदी सर्किट के मुकाबले दक्षिण भारतीय बाजारों में बेहतर प्रदर्शन किया। फिल्म ने हिंदी सेंटर में 20 से 25 लाख की कमाई की, जिसमें सबसे अधिक योगदान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात का है। थलाइवी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन तमिलनाडु में किया है, जहां पहले ही दिन 80 लाख का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया। फिल्म आंध्र प्रदेश में कुछ खास कमाल नहीं कर पाई क्योंकि स्थानीय फिल्म ‘सीटीमार’ ने बाजार पर कब्जा किया है।
माहाराष्ट्र में रिलीज नहीं हुई फिल्म
थलाइवी, हाल ही में रिलीज हुई शांग-ची एंड द टेन रिंग्स, फास्ट एंड फ्यूरियस 9, चेहरे और बेलबॉटम की तरह, महाराष्ट्र में रिलीज़ नहीं हुई थी क्योंकि राज्य सरकार ने दूसरी कोविड -19 लहर के बाद से सिनेमा हॉल को फिर से खोला नहीं है।
इन हॉलीवुड फिल्मों से पिछड़ गई थलाइवी
अक्षय कुमार की बेलबॉटम, सिनेमाघरों के खुलने के बाद रिलीज होने वाली पहली बड़ी बॉलीवुड फिल्म बन गई। बॉक्स ऑफिस इंडिया के मुताबिक फिल्म ने 2.5-2.75 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया। वहीं, फास्ट एंड फ्यूरियस 9 ने 1.75 करोड़ का कलेक्शन किया। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने बताया कि मार्वल की शांग-ची ने पहले दिन 3.25 करोड़ की कमाई की थी।
कंगना ने की थी ये अपील
हालांकि हॉलीवुड फिल्मों ने भारत में अच्छा प्रदर्शन किया है, कंगना ने कहा कि यह भारत में अमेरिकी और अंग्रेजी फिल्मों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें अमेरिकी और अंग्रेजी फिल्मों को बढ़ावा देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो हमारी स्क्रीन पर कब्जा कर रहे हैं। हमें एक राष्ट्र की तरह व्यवहार करने की जरूरत है। हमें खुद को उत्तर भारत या दक्षिण भारत की तरह बांटना बंद करना होगा। हमें पहले अपनी खुद की फिल्मों का आनंद लेने की जरूरत है, चाहे वह मलयालम, तमिल, तेलुगु या पंजाबी हो,’।