छत्तीसगढ

प्रधानमंत्री देश को सच्चाई बतायें : मरकाम

रायपुर, 18 जून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि गलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा धोखे से घेरकर किये गये क्रूरतापूर्ण बर्बरतापूर्ण हमले में देश के उच्च सैन्य अधिकारी सहित 20 जवानों की शहादत से पूरे देश में भारी रोष और गहरी नाराजगी है। पूरे देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है। भारत के साहसी सैनिकों पर हमें नाज़ है, जो सीना ताने आज भी दुश्मनों का सामना कर रहे हैं।
चीनी सेना द्वारा लगातार जातरी इस दुस्साहस पर प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार मौन साधी रही। 40 दिनों की दिल्ली के हुक्मरानों की सरकारी चुप्पी का परिणाम बेहद हृदय विदारक और दुखद निकला। केन्द्र की भाजपा सरकार की खामियों और नाकामियों की वजह से हमारे सैनिकों की शहादत का यह दुखद और वेदना भरा दिन देश को देखना पड़ा है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी व पूरा प्रतिपक्ष बार-बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहे, आगाह करते रहे कि बताईये कि आखिर सीमा पर परिस्थितियां क्या हैं, चीन की सेना हमारी सरहदों में कहां तक घुस आई है? और हमारी कितनी जमीन हड़प ली है? सेना के अनेक जिम्मेदार पूर्व अधिकारियों ने भी लगातार आगाह किया कि स्थिति गंभीर है व सरकार को सावधान होकर कार्यवाही की आवश्यकता है।
मगर केन्द्र की भाजपा की लापरवाह और नाकाम सरकार अपने राजनैतिक जलसों, चुनावी लड़ाईयों, विपक्ष की सरकारें गिराने के षडयंत्रों में व्यस्त रही और सीमा की सच्चाई देश से छिपाती रही। बहुत दुख से कहना पड़ता है कि केंद्र की भाजपा सरकार की प्राथमिकता में देश नहीं, भाजपा की सत्ता और भाजपा सरकार राजनैतिक हितो को ज्यादा प्राथमिकता देही है।
मोदी सरकार में सवालों पर पाबंदी है और सूचनाओं पर तालाबंदी है। आज देश से सब कुछ छिपाया जा रहा है।
क्या मोदी सरकार के पास उन मांओं के लिए कोई जवाब है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने लाडले बेटों की कुर्बानी दी है?
क्या उन पत्नियों के लिए कोई जवाब है, जिन्होंने अपने सिंदूर को भारत मां पर न्योछावर कर दिया?
क्या उन बच्चों के लिए कोई जवाब है, जिनके सर से पिता का साया उठ गया?
सच्चाई यह है कि देश की हुकूमत चेताए जाने के बावजूद आंखें मूंदे रही। गलवान घाटी में सैनिकों की शहादत के वाकये को होने दिया गया है। चीन ने भारत की सरजमीं पर कब्जा कर लिया, उसकी रक्षा करते हुए हमारे सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए, पर दिल्ली में बैठी मोदी सरकार तथा प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री ने मात्र चुप्पी साधे रखने के अलावा क्या किया?
हमारे शहीदों की शहादत को सलाम करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हम फिर दोहराते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा व देश की भूभागीय अखंडता के हर मुद्दे पर देश के 130 करोड़ नागरिक एक हैं व सरकार के साथ खड़े हैं, परंतु मोदी सरकार को देश को विश्वास में लेना होगा। प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी को सामने आकर देश के सामने सच्चाई बतानी होगी कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जा कैसे किया व 20 सैनिकों की शहादत कैसे हुई? मौके पर आज की स्थिति क्या है? क्या हमारे सैन्य अधिकारी या सैनिक अभी भी लापता हैं? हमारे कितने सैन्य अधिकारी व सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं? चीन ने हमारे कितने हिस्से पर और कहां कहां कब्जा कर रखा है? इस पूरी स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की नीति और रास्ता क्या है?
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने और पूरी कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट कहा है कि पूरा देश एकजुट हो देश व सीमाओं की रक्षा के लिए सरकार के साथ खड़ा है। अब जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी व सरकार की है कि वो देश व देशवासियों को विश्वास में लें।

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