छत्तीसगढ

प्रदेशभर में डेंगू का खौफ, राजधानी में सबसे ज्यादा मरीजों की पुष्टि

रायपुर जिले मे डेंगू बीमारी से किसी की भी मृत्यु की रिपोर्ट नहीं है : CMHO

रायपुर, 30 अगस्त। प्रदेश में इन दिनों डेंगू जानलेवा हो रही है। प्रदेश में अब तक डेंगू से तीन लोगों की मौत की जानकारी मिली है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि नहीं करता है। हालांकि निगम का स्वास्थ्य अमला भी लगातार डोर-टू-डोर जाकर फॉगिंग कर रही है, साथ ही लोगों को जागरूक भी कर रही है।

रायपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया है कि रायपुर जिले मे डेंगू बीमारी से किसी भी मृत्यु की रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने बताया है कि नेशनल वेक्टर बॉर्न डिसीज नियंत्रण कार्यक्रम में एलाईजा धनात्मक को ही कंफर्म केस माना जाता है। आर डी किट धनात्मक को नहीं। एनएस 1 तथा अन्य वायरस से भी पॉजिटिव आ जाता है सिर्फ एलाईजा टेस्ट ही कंफर्म टेस्ट होता है।

इन अस्पतालों में हैं इतने बेड खाली

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि रायपुर के सभी अठारह शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से लगातार सर्वेलेंस का कार्य जारी है। जिले के सभी शासकीय अस्पतालों मे डेंगू टेस्ट (Dengue Death) किट उपलब्ध है। जिला अस्पताल, पंडरी मे डेंगू मरीजों के लिए 30 बेड और आयुर्वेदिक अस्पताल, डंगनिया में दस 10 आरक्षित हैं। वर्तमान में कुल आरक्षित 40 बेड में 38 बेड रिक्त हैं। जिले में डेंगू से बचाव और रोकथाम के लिए लगातार प्रचार-प्रसार का कार्य किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू रोकने के दिए निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने प्रदेश में डेंगू के प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने बताया की प्रदेश भर में 375 प्रकरण सामने आए हैं, जिनमे सबसे अधिक 313 मरीज राजधानी में मिले हैं जो चिंता का विषय है। अधिकारीयों को दवाओं की उपलब्धता पर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने आम जनता से भी जल-ठहराव और गंदगी के संबंध में जन-जागरुकता के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम का स्वास्थ्य अमला देनु को रोकने कारगर कदम उठा रही है।

ऐसे लक्षण दिखे तो तुरंत जांच कराएं

आमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है। किशोरों और बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है। उसके साथ सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द, ग्रंथियों में सूजन और त्वचा पर लाल चकत्ते में से कोई भी दो लक्षण दिखे तो तुरंत जांच कराने की जरूरत है।

इस तरह अपने आप को बचाये

उल्लेखनीय है एडिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। लोगों को समझाइश दी गई है कि वे दिन के समय पूरे बदन को ढ़कने वाले कपड़े पहने। इसी तरह जहां कहीं भी पानी खुले में है उसे ढक कर रखें। वर्तमान में रूक रूककर बरसात हो रही है जिससे मच्छर के प्रजनन उत्पत्ति मे वृध्दि हो रही है। मच्छर से बचाव ही सबसे कारगर उपाय है डेंगू से बचाव का। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी डेंगू मरीजो को मेडिकेटेड मच्छरदानी उपलब्ध करायी जा रही है।

डेंगू के हैं चार वायरस

डेंगू के4 वायरस है, डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। डेंगू से ठीक हुआ व्यक्ति उस विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षा पा जाता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से उसे सुरक्षा नहीं मिलती। अगर व्यक्ति दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित हुआ तो डेंगू के अति गंभीर होने की आशंका बढ़ जाती है। इसमें भीतरी अंगों में रक्तस्रात होने लगता है।

CMHO ने दिया मौत पर ये तर्क

रामनगर निवासी तेरह वर्षीय नेहा सोनी की मृत्यु मेकाहारा में हुई थी। वह लीवर की बीमारी के ईलाज के लिए भर्ती हुई थी। उसका डेंगू एलाईजा टेस्ट धनात्मक था।

पेटल्स अस्पताल में एक बच्ची की मृत्यु हुई थी जिसका आर डी किट मे डेंगू धनात्मक बताया गया। उसे टी बी एम की बीमारी थी और उसे सिकलिंग था। उसका एलाइजा टेस्ट नहीं हुआ था। पेटल्स अस्पताल को भी नोटिस जारी कर कार्यवाही की जा रही है।

एम एम आई हास्पीटल में अभनपुर निवासी की मृत्यु हुई थी। जिनका आर डी टेस्ट डेंगू धनात्मक बताया गया लेकिन एलाईजा टेस्ट हेतु सीरम नहीं भेजा गया गया था।

इसी तरह एम एम आई मे भर्ती रही डिंपल अग्रवाल की मृत्यु हुई है। इनका भी आर डी धनात्मक रिपोर्ट बताया जा रहा है लेकिन एलाईजा जांच हेतु सैंपल नहीं भेजा गया, जिससे डेंगू की पुष्टि की जा सके। एम एम आई हास्पीटल को भी दोनों प्रकरण मे नोटिस जारी कर कार्रवाई की जा रही है।

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