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Weather Update: दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई आज से, जानें- इस साल कैसा रहा बारिश का हाल

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया की बुधवार यानी 6 अक्टूबर से उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की शुरुआत हो जाएगी। यूपी में मानसूनी बारिश का सिलसिला अभी एक सप्ताह और चलेगा। 14 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश से इसकी विदाई हो जाएगी। हालांकि, मानसून की विदाई की शुरुआत छह अक्टूबर से राजस्थान से होगी। इसके यूपी से विदा होने में एक सप्ताह का समय लगेगा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, मानसून की विदाई के साथ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आने वाली हवा की जगह भूमध्य सागर से ईरान, अफगानिस्तान के मरुस्थल की शुष्क हवा ले लेगी। अनुमान है कि 15 अक्टूबर से हल्की ठंडी भी पड़ने लगेगी।

आइएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी आरके जेनामणि ने बताया कि इस बार 1960 के बाद से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की दूसरी सबसे देरी से वापसी है। 2019 में उत्तर-पश्चिम भारत से मानसून की वापसी नौ अक्टूबर को शुरू हुई थी। उत्तर-पश्चिम भारत से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी आमतौर पर 17 सितंबर से शुरू हो जाती है।

इस साल देशभर में सामान्य वर्षा हुई

आइएमडी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। उन्होंने बताया कि जून से सितंबर तक चार महीने के दौरान सामान्य वर्षा हुई। 1 जून से 30 सितंबर तक अखिल भारतीय मानसून वर्षा 1961-2010 के 88 सेमी (इसके एलपीए का 99 फीसद) की लंबी अवधि के औसत के मुकाबले 87 सेमी रही है। यह लगातार तीसरे वर्ष है जब देश में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 2019 और 2020 में बारिश सामान्य से अधिक रही।

सितंबर में सबसे अधिक वर्षा

पूरे देश में जून में 110 फीसद, जुलाई और अगस्त में क्रमश: 93 और 76 फीसद बारिश हुई थी। हालांकि, जुलाई और अगस्त की कमी की भरपाई सितंबर में की गई, जिसमें एलपीए की 135 फीसद बारिश दर्ज की गई। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दो दिन की देरी के बाद 3 जून को केरल में दस्तक दी। इसने 15 जून तक तेजी से मध्य, पश्चिम, पूर्व, उत्तर पूर्व और दक्षिण भारत को कवर किया।

उत्तर भारत में देर से आया मानसून

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के कई हिस्सों हिस्सों में इस बार मानसून देर से दस्तक दिया। यहां तक ​​कि बाड़मेर और जैसलमेर, इसकी अंतिम पड़ाव था। हालांकि मानसूनी हवाएं दिल्ली, हरियाणा के कुछ हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंचने में काफी देरी की। अंतत: आईएमडी के पूर्वानुमानों को झुठलाते हुए सामान्य शुरुआत की तारीख के पांच दिन बाद 13 जुलाई को दिल्ली, हरियाणा के कुछ हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को कवर किया। आईएमडी के अनुसार, पूर्वोत्तर मानसून जो अक्टूबर से दिसंबर तक दक्षिणी राज्यों में वर्षा लाता है, के सामान्य रहने की संभावना है।

मप्र में छिटपुट बौछारें पड़ेगी, 10 तक मानसून की विदाई के आसार

वर्तमान में मध्य प्रदेश में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है, लेकिन राजस्थान में एक प्रतिचक्रवात बना हुआ है। साथ ही अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से मप्र प्रदेश में कहीं-कहीं बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, होशंगाबाद(नमोदापुरम) संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ने की संभावना बनी हुई है।  उधर, बुधवार से पश्चिमी राजस्थान से मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू होने की भी संभावना है। 10 अक्टूबर तक मप्र से भी मानसून विदा हो सकता है।

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