छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार योग्य बनाने 20 से 22 सितंबर तक क्रेता-विक्रेता सम्मेलन
रायपुर। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए राजधानी रायपुर में 20 से 22 सितंबर तक क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार योग्य बनाया जाना है। उक्त जानकारी सोमवार को राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने दी है। उन्होंने सम्मेलन की रूपरेखा के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों, वन उपज, हथकरघा, कोसा आदि उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इसमें 16 देशों के 60 खरीदार, विभिन्न राज्यों के 60 खरीदार और छत्तीसगढ़ के 120 विक्रेता इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ के पांच जिलों, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, बीजापुर और गरियाबंद को जैविक विकास खंड के रूप में 22 जिलों को पूर्ण जैविक जिला और 1-1 विकास खंड का दर्जा दिया गया है। छत्तीसगढ़ में धान के अलावा कोदू, कुटकी, रागी, मक्का, मखाना, ग्राम, फूलगोभी, बंदगोभी, शिमला मिर्च, टमाटर, पपीता, सीताफल, केला, बेल, काजू का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। यह सम्मेलन उन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो जैविक उत्पादों का उत्पादन करते हैं। इस सम्मेलन में स्थानीय कृषकों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय क्रेताओं से सीधे बातचीत कर व्यापार करने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें बेहतर मूल्यों के साथ-साथ बिचौलियों से भी निजात मिलेगी। 20 और 21 को आमंत्रित क्रेता एवं विक्रेता के बीच चर्चा, अनुबंध, एमओयू होंगे तथा 22 को सामान्य जनमानस के लिए प्रदर्शन के अवलोकन के साथ ही खरीदी-बिक्री हो सकेगा।